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Delhi Blast से पहले लखनऊ-अयोध्या पहुंची डॉ. शाहीन, एजेंसियां अब यात्रा के पूरे नेटवर्क की जांच में जुटीं

Delhi Blast मामले की जांच में यह खुलासा हुआ है कि डॉ. शाहीन घटना से करीब दो माह पहले लखनऊ और अयोध्या आई थीं। एजेंसियां अब उनकी इस यात्रा के उद्देश्य, साथ गए लोगों, संभावित मददगारों और पूरे रूट की गहन जांच कर रही हैं। कई महत्वपूर्ण सुराग मिल चुके हैं।

लखनऊ

Ritesh Singh

Nov 15, 2025

जांच एजेंसियां संभावित मददगारों और पूरे रूट की कड़ी जांच में जुटीं (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
जांच एजेंसियां संभावित मददगारों और पूरे रूट की कड़ी जांच में जुटीं (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )

Delhi Blast मामले की तहकीकात में राष्ट्रीय जांच एजेंसियों को एक और महत्वपूर्ण सुराग मिला है। जांच में पता चला है कि संदिग्ध डॉ. शाहीन लगभग दो माह पहले उत्तर प्रदेश में सक्रिय थी। वह पहले लखनऊ आई और उसके बाद अयोध्या जाकर रुकी। इस सूचना ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। अब शाहीन की इस यात्रा के उद्देश्य, उसके साथ जुड़े लोगों और संभावित मददगारों को खोजने के लिए कई टीमें एक साथ काम कर रही हैं। यह यात्रा घटना से पहले हुई थी, इसलिए जांच में इसे अत्यंत अहम माना जा रहा है।

लखनऊ में चार दिन तक रही थी शाहीन-कई स्थानों पर गई

एजेंसियों के अनुसार डॉ. शाहीन सितंबर के पहले सप्ताह में लखनऊ पहुंची थी और लगभग चार दिन तक शहर में ठहरी। इस दौरान वह सिविल अस्पताल सहित शहर के कई इलाकों में देखी गई। जांच टीमें अब उन सभी स्थानों की पड़ताल कर रही हैं जहाँ शाहीन गई थी-सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और अन्य डिजिटल ट्रेल खंगाले जा रहे हैं। लखनऊ में उसकी मौजूदगी और गतिविधियों पर बढ़ी निगरानी का कारण यह है कि वह किन लोगों से मिली और किस उद्देश्य से आई थी, इसका अभी तक पूरा जवाब नहीं मिल पाया है। संस्था और सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या उसने शहर में किसी मददगार से मुलाकात की थी या किसी तरह की योजना पर चर्चा की थी।

लखनऊ से अयोध्या तक जाने वाले रूट की जांच गहन

डॉ. शाहीन लखनऊ से आगे अयोध्या पहुंची। उसकी इस यात्रा ने जांच को और गंभीर बना दिया है। अयोध्या जैसे संवेदनशील धार्मिक और सुरक्षा-केन्द्रित शहर में संदिग्ध व्यक्तियों की हलचल को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यही कारण है कि एजेंसियां लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर लगी टोल प्लाज़ा रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी, मोबाइल लोकेशन और वाहन संबंधी डिजिटल डेटा की बारीकी से जांच कर रही हैं। अब तक यह साफ नहीं है कि वह अयोध्या अकेली गई थी या किसी के साथ।

  • कौन उसके साथ था.
  • यात्रा का वास्तविक उद्देश्य क्या था.
  • वह वहाँ किन-किन लोगों से मिली।

एजेंसियां इन सभी सवालों के जवाब खोजने में पूरी ताकत लगी हुई हैं। स्थानीय पुलिस, खुफिया विभाग और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त टीमें अयोध्या के कई क्षेत्रों, खासकर होटलों, गेस्ट हाउसों और आसपास के आवागमन केंद्रों का डाटा खंगाल रही हैं।

जम्मू पुलिस ने पहले ही दी थी सूचना-अब वही इनपुट जांच में हुआ महत्वपूर्ण

सूत्रों के अनुसार, शाहीन की यूपी यात्रा की पहली जानकारी जम्मू पुलिस से आई थी। जम्मू पुलिस ने पहले ही केंद्र की खुफिया एजेंसियों को सूचित किया था कि शाहीन कुछ समय के लिए लखनऊ और अयोध्या गई थी। लेकिन उस समय कोई ठोस साक्ष्य या तकनीकी आधार नहीं मिला था, इसलिए मामला आगे नहीं बढ़ पाया। अब दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद डॉक्टर मॉड्यूल के खुलासे के बाद यह पुरानी जानकारी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है और जांच तेजी से उसी दिशा में आगे बढ़ रही है।

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में परवेज के करीबियों पर नजर

जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज एक-दूसरे के संपर्क में थे। इससे जांच एजेंसियों का ध्यान इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी की ओर गया है। टीमें विश्वविद्यालय परिसर, उसके होस्टलों और आसपास के क्षेत्रों में उन लोगों की तलाश कर रही हैं जो परवेज के संपर्क में थे या जिनका शाहीन से कोई जुड़ाव हो सकता है। हालांकि अभी तक किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन पूछताछ का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है।

उन्नाव और कानपुर यात्रा के नए सुराग-संदेह और गहरा

सूत्रों के मुताबिक, एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी मिली है कि शाहीन और परवेज लखनऊ से निकलकर उन्नाव के रास्ते कानपुर पहुंचे थे। इस यात्रा की पुष्टि मोबाइल लोकेशन, टोल रिकॉर्ड और वाहन निगरानी डेटा से मिली है।

इस सड़क यात्रा का मकसद क्या था, इस पर कई संभावनाएं खड़ी हुई हैं-

  • क्या वे किसी तीसरे व्यक्ति से मिलने गए थे?
  • क्या कोई विशेष बैठक या समन्वय हुआ?
  • या यह यात्रा केवल छुपने और बचने की रणनीति का हिस्सा थी?

एजेंसियों ने कानपुर और उन्नाव के कई स्थानों पर जानकारी इकट्ठा की है, जहां से कुछ प्राथमिक सुराग मिलने की बात सामने आई है।

विदेश भागने की तैयारी में थी डॉ. शाहीन-फरीदाबाद में किया था पासपोर्ट आवेदन

खुफिया रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन देश छोड़ने की योजना बना रही थी। कुछ समय पहले उसने फरीदाबाद में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। उसने आवेदन में अल फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल का पता दर्शाया था। हाल ही में घौज थाना पुलिस फ्लैट नंबर 32 पर जाकर पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करके आई थी। एजेंसियों का दावा है कि शाहीन अपने इरादे पूरे करने के बाद विदेश भागने की तैयारी में थी, लेकिन जांच के दायरे में आने के कारण वह पहले ही पकड़ी गई।

जांच एजेंसियां जुटीं-डिजिटल ट्रेल से बन रही बड़ी तस्वीर

जांच अधिकारी बता रहे हैं कि डॉ. शाहीन और परवेज की गतिविधियों को समझने के लिए

  • मोबाइल फोन लोकेशन
  • डिजिटल पेमेंट डेटा
  • होटल रिकॉर्ड
  • टोल प्लाजा कैमरे
  • वाहन GPS सिस्टम

सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्हीं की मदद से उनकी पिछले कुछ हफ्तों की यात्रा का पूरा नक्शा सामने आ रहा है। जांच टीमों के अनुसार, जैसे-जैसे तकनीकी इनपुट एकत्र हो रहे हैं, वैसे-वैसे यह साफ होता जा रहा है कि दोनों की गतिविधियाँ योजनाबद्ध और उद्देश्यपूर्ण थीं।

अयोध्या यात्रा पर नजर सबसे महत्वपूर्ण

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है। शाहीन अयोध्या क्यों गई थी,जांच एजेंसियों का मानना है कि अयोध्या यात्रा का मकसद सामने आ जाने के बाद मॉड्यूल का पूरा ढांचा समझने में बड़ी मदद मिलेगी। एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि क्या उसने किसी स्थानीय व्यक्ति, धार्मिक स्थल या अन्य संस्थानों का इस्तेमाल अपने ठहराव या संपर्क के लिए किया था।

आने वाले दिनों में और खुलासों की उम्मीद

जांच टीमों का कहना है कि आने वाले दिनों में तस्वीर और साफ हो सकती है। जैसे-जैसे उसके संपर्कों, यात्रा मार्गों और डिजिटल रिकॉर्ड का विश्लेषण आगे बढ़ रहा है, कई नई परतें खुल रही हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि बहुत जल्द उसके मददगारों की पहचान,विदेश भागने की पूरी योजना,और लखनऊ,अयोध्या,कानपुर यात्रा का वास्तविक उद्देश्य
स्पष्ट हो जाएगा।