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777 Parenting Rule: 7-7-7 रूल, जेनरेशन Z बच्चों की परवरिश का नया फॉर्मूला

7-7-7 Parenting Formula: आज के समय में पैरेंटिंग पहले जैसी नहीं रही। जेनरेशन Z के बच्चे स्मार्ट, तकनीकी रूप से सक्षम और आत्मविश्वासी हैं, लेकिन उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखना कई बार चुनौती बन जाता है। ऐसे में सामने आया है एक नया पैरेंटिंग फॉर्मूला, “777 Parenting Rule”, जो माता-पिता को बच्चों के साथ मजबूत रिश्ता बनाने में मदद करता है।

Gen Z Parenting Tips: बदलते दौर में बच्चों की सही परवरिश करना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। खासकर जेनरेशन Z और अल्फा पीढ़ी को संभालना आसान नहीं है। ये बच्चे तकनीक और इंटरनेट की दुनिया में बड़े हो रहे हैं। बच्चों की परवरिश में माता-पिता की भूमिका सबसे अहम होती है। बदलते समय के साथ पैरेंटिंग के तरीके भी बदल रहे हैं। आजकल माता-पिता के बीच ‘7-7-7 रूल ऑफ पैरेंटिंग’ तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह एक ऐसा नियम है जो बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास के साथ-साथ माता-पिता और बच्चों के बीच रिश्ते को भी मजबूत बनाता है।

क्या है 7-7-7 रूल ऑफ पैरेंटिंग?

  • इस नियम के अनुसार माता-पिता को अपने बच्चे के साथ हर दिन 7 मिनट सुबह, 7 मिनट शाम और 7 मिनट रात में जरूर बिताने चाहिए।
  • ये छोटे-छोटे पल बच्चों के साथ जुड़ाव को बढ़ाते हैं और उन्हें यह महसूस कराते हैं कि उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ हैं।
  • इन 21 मिनटों में बच्चों से बात करना, उनकी बातें सुनना, उन्हें गले लगाना या उनकी दिनचर्या के बारे में पूछना, ये सब चीजें बच्चों में आत्मविश्वास, अपनापन और मानसिक संतुलन पैदा करती हैं।

दिन की पॉजिटिव शुरुआत

  • सुबह के समय माता-पिता बच्चों को प्यार से जगाएं और उनसे दिन की छोटी-छोटी बातें करें।
  • इस दौरान बच्चों को दिनभर के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, जैसे कि स्कूल में क्या मजेदार होगा या किन विषयों पर ध्यान देना है।
  • इससे बच्चे पूरे दिन ऊर्जावान और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं।

दिनभर की बातें साझा करें

  • स्कूल या खेल के बाद बच्चों के साथ 7 मिनट बिताना उन्हें आराम और भरोसा देता है।
  • माता-पिता उनसे पूछ सकते हैं कि उनका दिन कैसा रहा, क्या नया सीखा या किन बातों ने उन्हें खुश किया।
  • इस दौरान ध्यान से सुनना और उनकी भावनाओं को समझना बच्चे को यह अहसास दिलाता है कि उसकी बातें महत्वपूर्ण हैं।

रात के 7 मिनट, सुकून और प्यार का समय

  • सोने से पहले का यह समय बच्चों के लिए बेहद खास होता है।
  • कहानी सुनाना, दिनभर के अच्छे पलों को याद करना या उन्हें गले लगाना। ये सभी चीजें बच्चों के मन को शांत करती हैं।
  • इससे उन्हें बेहतर नींद मिलती है और वे अगले दिन खुश और फ्रेश महसूस करते हैं।

7-7-7 रूल के 3 बड़े फायदे

  • मजबूत रिश्ता बनाता है - माता-पिता और बच्चों के बीच विश्वास और अपनापन बढ़ाता है।
  • मानसिक सुकून देता है - बच्चे खुलकर अपनी भावनाएं साझा करते हैं, तनाव घटता है।
  • आत्मविश्वास बढ़ाता है - जब बच्चों की बातों को महत्व मिलता है, तो वे अधिक आत्मनिर्भर बनते हैं।

क्यों जरूरी है ये नियम?

यह नियम माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद को मजबूत बनाता है। बच्चों को जब लगता है कि उनके माता-पिता उनकी भावनाओं को समझते हैं, तो वे और अधिक ईमानदार, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनते हैं। रोजाना सिर्फ 21 मिनट बच्चों के साथ बिताने से न केवल उनका मानसिक विकास होता है, बल्कि घर में सकारात्मक माहौल और मजबूत रिश्ते भी बनते हैं।

निष्कर्ष

सोशल मीडिया और व्यस्त दिनचर्या के समय में बच्चों के लिए माता-पिता का समय और ध्यान ही सबसे बड़ा तोहफा है। ऐसे में 7-7-7 रूल अपनाना लाभकारी हो सकता है। क्योंकि, खुश बच्चे ही एक खुशहाल परिवार की पहचान होते हैं।