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Menstrual Masking: चेहरे पर पीरियड ब्लड लगाने से पहले ये पढ़ें, स्किन ग्लो नहीं, मिल सकता है गंभीर इन्फेक्शन

Menstrual Masking: क्या चेहरे पर पीरियड ब्लड लगाना सेफ है? डॉक्टर्स इस वायरल ट्रेंड को लेकर क्या सोचते हैं? कितना खतरनाक है यह वायरल ट्रेंड और इससे क्या इससे हो सकता है इन्फेक्शन? यहां जानिए सब कुछ...

Menstrual Masking
Menstrual Masking (Image: Freepik)

Menstrual Masking: सोशल मीडिया पर हर दिन कोई न कोई नया ब्यूटी हैक ट्रेंड करने लगता है। कभी चेहरे पर नींबू लगाना तो कभी टूथपेस्ट से पिम्पल सुखाना, ऐसी अजीबोगरीब DIY रेमेडीज अक्सर देखने को मिलती हैं। इन दिनों TikTok और Instagram पर एक ऐसा ट्रेंड वायरल है जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। यह नया ट्रेंड 'मेनस्ट्रुअल मास्किंग’ है। इसमें लोग चेहरे पर पीरियड ब्लड लगाते हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि पीरियड ब्लड को चेहरे पर लगाने से स्किन रिपेयर होती है और ग्लो बढ़ता है। मेडिकल साइंस और स्किन एक्सपर्ट्स इस ट्रेंड को पूरी तरह असुरक्षित बता रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह ट्रेंड चेहरे पर इंफेक्शन, एलर्जी और स्किन डैमेज का खतरा बढ़ा सकता है।

Menstrual Face Mask: क्या है मेंस्ट्रुअल फेस मास्क?

मेंस्ट्रुअल मास्क में महिलाएं अपने पीरियड ब्लड को सीधे चेहरे पर लगा रही हैं, उनका मानना है कि इससे स्किन रिपेयर होती है, इंफ्लेमेशन कम होती है और चेहरा ग्लो करने लगता है। इन्फ्लुएंसर्स का कहना है कि पीरियड ब्लड में स्टेम सेल्स और प्रोटीन होते हैं जो कि स्किन के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। महिलाएं इसे फेस मास्क की तरह चेहरे पर इस्तेमाल कर रही हैं और फिर सूखने के लिए छोड़ देती हैं। जिससे स्किन को बहुत नुकसान पहुंच सकता है।

मेंस्ट्रुअल मास्क पर क्या कहती है साइंस?

National Library of Medicine में पब्लिश एक रिसर्च में बताया गया है कि पीरियड ब्लड से निकाले गए स्टेम सेल्स कुछ मेडिकल ट्रीटमेंट्स में हेल्पफुल हो सकते हैं, जैसे कि वाउंड हीलिंग (घावों को जल्दी भरना)। लेकिन यह स्टेम सेल्स पहले लैब में टेस्ट होते हैं, उसको पूरी तरह से बैक्टीरिया फ्री किया जाता है और फिर काम में लिया जाता है। यानी यह कोई ऐसा प्रोसेस नहीं है जिसे आप घर पर आसानी से कर सकें। साथ ही कोई भी रिसर्च ये नहीं कहती कि आप कप से सीधा ब्लड निकालकर फेस पर लगा लें। सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले DIY वीडियो रियल साइंस से बहुत अलग होते हैं।

क्यों खतरनाक है यह Menstrual Masking ट्रेंड?

डर्मेटोलॉजिस्ट इस ट्रेंड को बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं मानते हैं, इसके पीछे कई कारण हैं।

  • पीरियड ब्लड स्टरलाइज्ड नहीं होता क्योंकि इसमें बैक्टीरिया, वैजाइनल फ्लूइड और टिश्यू पार्टिकल होते हैं जो कि चेहरे पर इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
  • अगर स्किन पर पिंपल, ओपन पोर्स, कट है तो, बैक्टीरिया आसानी से इंफेक्शन बढ़ा सकता है।
  • कई लोगों को इससे एलर्जी, जलन और स्किन डैमेज जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
  • न्यूयॉर्क की बोर्ड-सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. मेलिसा हार्टवेल बताती हैं, ''मेंस्ट्रुअल ब्लड बिल्कुल भी स्टरलाइज्ड नहीं होता है। इसे चेहरे पर लगाने से स्किन पर बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म पहुंचते हैं जो इंफेक्शन या जलन का कारण बन सकते हैं। इसे स्किनकेयर की तरह इस्तेमाल करना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

‘वैंपायर फेशियल’ से तुलना करना गलत क्यों?

बहुत से लोग इसे PRP ट्रीटमेंट (वैंपायर फेशियल) जैसा बताते हैं लेकिन दोनों चीजें अलग- अलग होती है। वैंपायर फेशियल में ब्लड को प्रोसेस किया जाता है फिर उसको स्टरलाइज्ड तरीके से इंजेक्ट किया जाता है। और ये प्रोसेस प्रोफेशनल्स द्वारा किया जाता है। वहीं पीरियड ब्लड को बिना किसी प्रोसेसिंग के लगाया जाता है जिससे सीधे बैक्टीरिया स्किन तक पंहुचा सकता है।

सोशल मीडिया पर दिखने वाला हर ट्रेंड फायदेमंद नहीं

सोशल मीडिया हर दिन नए ट्रेंड्स आते रहते हैं, लेकिन हर वायरल चीज अच्छी हो ऐसा जरूरी नहीं है। यूरीन थेरेपी और ब्रेस्ट मिल्क स्किनकेयर जैसे कई ट्रेंड पहले भी वायरल हुए हैं, लेकिन मेडिकल साइंस इसे सही नहीं मानती है। उसी तरह मेंस्ट्रुअल मास्किंग भले ही चर्चा में हो लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि यह ट्रेंड स्किन को फायदा नहीं, नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसे टॉय करना बिलकुल भी सेफ नहीं है।