
Dangerous Scorpion Hottentotta tamulus : बिच्छू के काटने से सिर्फ दर्द नहीं होता, बल्कि मौत तक हो सकती है। एक ऐसा ही भारतीय जानलेवा बिच्छू है- हॉटेंटोटा टैमुलस। अगर ये काट लिया तो मरना तय माना जाता है। अब भले कोई मरे या ना मरे, मगर इसके डंक के बाद अस्पताल जाए बगैर तो राहत नहीं मिल सकती है। चलिए, सांप और खतरनाक मकड़ियों के बाद इस भारतीय लाल बिच्छू (Indian red scorpion) के बारे में जानते हैं और ये इतना खतरनाक (Khatarnak bichhu) क्यों है, ये भी जानेंगे।
इंडियन रेड स्कॉर्पियन सबसे अधिक भारत में पाया जाता है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में इसकी संख्या अधिक है। खासकर, ये ग्रामीण व जंगली इलाकों में पाया जाता है। भारत के अलावा ये हमारे पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका के तटीय व ग्रामीण इलाकों में मिलता है।
अगर सामान्य आंखों से देखकर पहचानना चाहें तो रंग से कर सकते हैं। यह खतरनाक बिच्छू लाल-भूरे या हल्का नारंगी रंग का दिखता है। साथ ही इसकी लंबाई 2 से 3 इंच तक होती है। भले ही देखने में छोटा हो लेकिन बेहद खतरनाक होता है।
नेशनल ज्योग्राफिक चैनल के मुताबिक, भारतीय लाल बिच्छू को सभी बिच्छुओं में सबसे घातक माना जाता है। हालांकि, ये अपने बचाव के लिए अंतिम उपाय के रूप में ही डंक मारता है। यह तिलचट्टों जैसे कीड़ों को खाना पसंद करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह दुनिया के सबसे जहरीले बिच्छुओं में से एक है। इसके डंक में सबसे खतरनाक जहर पाया जाता है। इसलिए, इसके डंक का जहर सीधे दिल, फेफड़ों और नर्वस सिस्टम पर असर करता है। इस कारण मौत होने का खतरा रहता है।
एंटीवेनम जब नहीं था तब इसके कारण मौत होना तय माना जाता था। मगर, अब अस्पतालों में एंटीवेनम हैं। इसलिए, मृत्यु दर कम हुआ है। इलाज न मिलने पर मौत का खतरा 30% तक हो सकता है। बता दें, लैसेंट के अनुसार, 1970 में बिच्छू से काटने पर मौत का दर 40% था वहीं, साल 2014 में मौत का दर 1% हो गया है। ये गिरावट भारत के लिए सही संकेत हैं।
घर पर साफ-सफाई रखें। साथ ही जंगल-झाड़ी या खेत में काम करते वक्त सुरक्षा का ध्यान रखें। अगर बिच्छू काट ले तो झाड़-फूंक ना कराएं और जल्दी से अस्पताल जाकर इलाज कराएं। क्योंकि, अधिक देरी होने पर जहर शरीर में फैल सकता है और मौत हो सकती है।
Published on:
15 Sept 2025 03:09 pm

