Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Siri के अपग्रेड के लिए Apple और Google में अरबों की डील, हर साल चुकाएगा 8869 करोड़ रुपये

Apple Google Gemini Deal: एप्पल और गूगल के बीच एक अरब डॉलर की डील हुई है, जिसके तहत Gemini AI मॉडल को Siri में जोड़ा जाएगा। इस साझेदारी से Siri पहले से कहीं ज्यादा समझदार और एडवांस बनने वाली है...पढ़ें पूरी खबर।

भारत

Rahul Yadav

Nov 07, 2025

Apple Google Gemini Deal
Apple Google Gemini Deal (Image: Freepik)

Apple Google Gemini Deal: टेक दुनिया की दो सबसे बड़ी कंपनियां Apple और Google एक बार फिर साथ आने वाली हैं। इस बार वजह सर्च इंजन नहीं बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल अपने वॉइस असिस्टेंट Siri को पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट बनाने के लिए गूगल के Gemini AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने जा रहा है। इस डील की कीमत करीब 1 बिलियन डॉलर (लगभग 8,869 करोड़ रुपये) प्रति वर्ष बताई जा रही है।

AI के लिए Apple और Google की नई साझेदारी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अब तक की सबसे बड़ी AI डील्स में से एक होगी। Apple, Google के Gemini AI मॉडल को लाइसेंस करने जा रहा है जो Siri के आने वाले वर्जन में नई जान डालने का काम करेगा। कहा जा रहा है कि iOS 26.4 में यह अपडेटेड Siri, जिसे कंपनी के अंदर कोडनेम 'Linwood' दिया गया है अगले साल लॉन्च होगी।

यह साझेदारी एप्पल के नए एप्पल इंटेलिजेंस प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी iPhone, iPad और Mac में AI को इंटीग्रेट करने की योजना बना रही है।

क्यों चाहिए Apple को Google का Gemini मॉडल?

एप्पल ने कई AI सिस्टम जैसे ChatGPT और Claude को परखा, लेकिन आखिर में Google के Gemini AI को चुना। यह Siri को ज्यादा स्मार्ट बनाएगा। जैसे यूजर की बात को बेहतर समझना, लंबे कमांड्स को आसानी से पूरा करना और टेक्स्ट का छोटा सारांश या प्लान तैयार करना शामिल हैं।

यह सौदा एप्पल के लिए खास है क्योंकि कंपनी अब तक अपने सिस्टम में किसी बाहरी AI का इस्तेमाल नहीं करती थी। लेकिन Siri को बेहतर बनाने के लिए अब एप्पल ने यह कदम उठाने का फैसला किया है।

कैसे काम करेगी यह साझेदारी

Apple और Google की यह साझेदारी पूरी तरह ‘प्राइवेट क्लाउड कम्प्यूट’ पर आधारित होगी। इसका मतलब यह है कि यूजर्स का डेटा गूगल के सर्वर पर नहीं जाएगा बल्कि एप्पल के अपने सिक्योर सर्वर्स पर रहेगा। Gemini मॉडल Siri को टेक्स्ट सारांश और प्लानिंग जैसे काम के लिए मदद करेगा। बाकी AI फीचर्स एप्पल के अपने मॉडल्स से ही चलेंगे। गूगल को Siri में कोई ब्रांडिंग नहीं मिलेगी यानी यह डील पूरी तरह ‘बिहाइंड द सीन्स’ होगी।

Apple खुद भी बना रहा है अपना AI मॉडल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल फिलहाल 1 ट्रिलियन पैरामीटर वाले अपने क्लाउड-बेस्ड AI मॉडल पर काम कर रहा है जो 2026 के अंत तक तैयार हो सकता है। तब तक के लिए Gemini को एक अस्थायी समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

Siri बनेगी अब और समझदार

Siri काफी समय से Google Assistant और ChatGPT जैसे टूल्स से पीछे चल रही है। अब Apple उसे सिर्फ एक वॉइस असिस्टेंट नहीं, बल्कि एक स्मार्ट AI साथी बनाना चाहता है जो इंसानों की तरह बात समझे और जवाब दे सके। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी Craig Federighi और Mike Rockwell (Vision Pro टीम के लीडर) को दी गई है।

हालांकि, ब्लूमबर्ग के टेक पत्रकार मार्क गुरमन का कहना है कि सफलता की गारंटी अभी नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा, ''जरूरी नहीं कि यूजर्स तुरंत नए Siri को पसंद करें या इससे पुराने ब्रांड की छवि पूरी तरह सुधर जाए।''