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Apple ने अपनी सबसे बड़ी मुसीबत सुलझाने के लिए गूगल के पूर्व इंजीनियर को बुलाया, जानें क्या है पूरा मामला

Amar Subramanya Apple AI VP: एप्पल ने अपनी सबसे बड़ी मुसीबत सुलझाने के लिए Google के पूर्व इंजीनियर को हायर किया है। जानें कौन हैं अमर सुब्रमण्य और क्या है पूरा मामला?

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भारत

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Rahul Yadav

Dec 02, 2025

Amar Subramanya Apple AI VP

Amar Subramanya Apple AI VP (Image: Gemini)

Amar Subramanya Apple AI VP: सिलिकॉन वैली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की रेस अब एक आर-पार की जंग में बदल चुकी है। इस रेस में पिछड़ रही iPhone निर्माता कंपनी Apple ने एक बड़ा दांव खेला है। कंपनी ने अपनी सबसे बड़ी मुसीबत यानी लड़खड़ाती AI तकनीक को ठीक करने के लिए गूगल के दिग्गज और बेंगलुरु से पढ़े अमर सुब्रमण्य को अपना नया वाइस प्रेसिडेंट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नियुक्त किया है।

यह नियुक्ति इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि अमर पिछले 6 के भीतर माइक्रोसॉफ्ट छोड़कर एप्पल को ज्वाइन कर लिया है। इसके पहले उन्होंने 16 साल तक गूगल में काम किया है।

क्या है एप्पल की सबसे बड़ी मुसीबत?

एप्पल इस समय AI के मामले में अपने कंपटीटर्स Google और Microsoft से काफी पीछे है। कंपनी को हाल ही में कई शर्मिंदा करने वाली स्थितियों का सामना करना पड़ा है।

Apple Intelligence की गलतियां: एप्पल के नए AI फीचर्स ने नोटिफिकेशन समरी में कई बार फर्जी खबरें बना दी जिससे कंपनी को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी। उदाहरण के लिए, इसने किसी संदिग्ध की आत्महत्या, खेल के गलत नतीजे और नेताओं की गिरफ्तारी जैसी झूठी हेडलाइन्स जनरेट कर दी थीं।

बीमार पड़ी Siri: जिस सिरी को एप्पल ने सबसे स्मार्ट असिस्टेंट के रूप में पेश किया था उसका नया अपडेट इंटरनल टेस्टिंग में फेल हो गया है। इसे अब 2026 तक टाल दिया गया है।

इन्हीं कमियों को दूर करने और एप्पल की साख बचाने के लिए कंपनी ने अमर सुब्रमण्य को बुलाया है। वे रिटायर हो रहे जॉन जियानंद्रिया की जगह लेंगे।

कौन हैं अमर सुब्रमण्य?

अमर सुब्रमण्य का प्रोफाइल बेहद प्रभावशाली है और उनका भारत से गहरा नाता है।

शिक्षा (Amar Subramanya Edication): उन्होंने 2001 में बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने सिएटल (USA) से पीएचडी की है।

गूगल का अनुभव (Amar Subramanya Google Experience): अमर ने गूगल में 16 साल काम किया है। वे गूगल के सबसे शक्तिशाली AI मॉडल 'Gemini' के इंजीनियरिंग हेड थे।

माइक्रोसॉफ्ट का कार्यकाल (Amar Subramanya Microsoft): जुलाई 2025 में वे गूगल छोड़कर माइक्रोसॉफ्ट चले गए थे, जहां उन्होंने 'Copilot' टीम में काम किया। लेकिन 6 महीने के अंदर ही एप्पल के सीईओ टिम कुक ने उन्हें वापस अपनी टीम में शामिल कर लिया है।

एप्पल ने अमर सुब्रमण्य को ही क्यों चुना?

एप्पल ने अमर को बहुत सोच-समझकर चुना है। अमर की पीएचडी सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग पर है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें AI को बहुत कम डेटा के साथ ट्रेन किया जा सकता है।

चूंकि एप्पल यूजर प्राइवेसी को लेकर बहुत सख्त है और ज्यादा डेटा इकट्ठा नहीं करना चाहता, इसलिए अमर की यह विशेषज्ञता एप्पल के लिए 'संजीवनी बूटी' का काम करेगी।

हाल ही में हुई है एप्पल और गूगल की बड़ी डील

इस नियुक्ति में एक बड़ा विरोधाभास भी है। अमर सुब्रमण्य ने गूगल में जिस Gemini AI को बनाया था, रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल अपने फीचर्स को बेहतर बनाने के लिए उसी 'Gemini' को लाइसेंस करने के लिए गूगल के साथ 1 बिलियन डॉलर की डील कर रहा है। यानी अमर अब एप्पल में बैठकर अपनी नई तकनीक भी बनाएंगे और अपने पुराने बनाए हुए मॉडल का इंटीग्रेशन भी देखेंगे।

सत्या नडेला (Microsoft) और सुंदर पिचाई (Google) के बाद, अमर सुब्रमण्य की एप्पल में एंट्री यह साबित करती है कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों का भविष्य अब भारतीय इंजीनियरों के हाथ में है।