
Weather Update : कोटा . मैं शिमला घूमने जाना चाहता हूं, क्या अगले सप्ताह मुझे वहां बर्फबारी देखने को मिलेगी…? इस सीजन में मावठ कब-कब गिरेगी…? जल्द ही आमजन और किसानों के मौसम पूर्वानुमान संबंधी ऐसे सवालों का सटीक जवाब मिलेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) एआइ आधारित चैटबॉट ‘मौसम जीपीटी’ विकसित कर रहा है। इस मौसम जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर को किसानों और आमजन के लिए जलवायु सेवा सलाहकार के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इससे न केवल मौसम की भविष्यवाणी और ज्यादा सटीक और तेज होगी, बल्कि आमजन इससे सवाल भी पूछ सकेंगे। चैट जीपीटी की तरह यह संवादात्मक और कृत्रिम बुद्धिमता लिए होगा।
आइएमडी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग (एमएल) आधारित डेटा संचालित इस मॉडल पर तेजी से काम कर रहा है। इससे आमजन को मौसम संबंधी जोखिमों के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद मिल सकेगी। इससे मौसम पूर्वानुमान में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। एआइ, एमएल और डीएल आधारित अनुप्रयोग उपकरण विकसित करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से आइआइटीएम, पुणे में एक वर्चुअल सेंटर बनाया है।
किसान : फसल प्रबंधन, सिंचाई और कीट नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
यात्री : गंतव्यों के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान कर यात्रा योजना में मदद करेगा।
आपातकालीन सेवा : गंभीर मौसम संबंधी घटनाओं की पूर्व चेतावनी देकर आपदा की तैयारी में सहायता करेगा।
आमजन : मौसम की सटीक जानकारी प्रदान कर दैनिक जीवन को और अधिक सुविधाजनक और सुखद बनाएगा।
मौसम जीपीटी आंकड़ों, उपग्रह चित्रों और अन्य सूचनाओं के विशाल डेटासेट पर प्रशिक्षित है। इन आंकड़ों का विश्लेषण करके, जीपीटी उन पैटर्न और रुझानों की पहचान कर सकता है, जिन्हें पारंपरिक पूर्वानुमान विधियों के लिए पहचानना मुश्किल हो सकता है। यह बारिश, तापमान, हवा की गति और आर्द्रता सहित मौसम संबंधी घटनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अधिक सटीक पूर्वानुमान प्रदान करने में सक्षम है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, मौसम और जलवायु के सटीक पूर्वानुमान में एआइ और एमएल का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए आइएमडी ने आइआइटी, ट्रिपलआइटी, एनआइटी, इसरो और डीआरडीओ जैसे उच्च शैक्षणिक और शोध संस्थानों के साथ एमओयू किया हैं।
मौसम विज्ञान में रिसर्च के लिए एआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। अभी मौसम पूर्वानुमान सुपर कम्प्यूटर पर डायनामिक मॉडल और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) सिस्टम आधारित है। एआई और डायनामिकल हाइब्रिड मॉडल से इसे और सटीक बनाने की दिशा में काम चल रहा है।
राधेश्याम शर्मा, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर
Published on:
13 Nov 2025 07:18 am

