कोटा। दिल्ली-मुम्बई एटलेन एक्सप्रेस-वे (भारतमाला प्रोजेक्ट) पर वर्ष के अंत तक कोटा से दिल्ली तक वाहन सरपट दौड़ने लगेंगे। कोटा से दिल्ली मार्ग का अंतिम चरण का फिनिशिंग का काम चल रहा है, लेकिन मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बन रही देश की पहली 8-लेन टनल का काम अभी बाकी है। इसमें करीब चार माह और लग सकते हैं।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे पर कोटा से दिल्ली के बीच पैकेज नंबर 10 का 26.5 किमी का कार्य अंतिम चरण में है। पैकेज के सीमलिया से जयपुर के फागी तक हाईटेंशन लाइन एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट में दो जगह बीच में आ रही है। दोनों लाइनों की शिफ्टिंग होनी है। इसमें एक लाइन के लिए सितम्बर में एक माह का शटडाउन लेकर काम काम किया जा रहा है।
इसके बाद दूसरी लाइन की शिफ्टिंग की जाएगी। इसके लिए भी शटडाउन लेकर इसका काम किया जाएगा। मार्ग का फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में चल रहा है, जो नवम्बर अंत तक पूरा हो जाएगा। ऐसे में दिसम्बर की शुरुआत में कोटा से दिल्ली तक वाहनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। अतिवृष्टि के चलते निर्माण स्थल तक सामग्री पहुंचाने के रास्ते खराब होने से काम प्रभावित हुआ। इसके लिए दौसा पीआइयू के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भरतसिंह सवाईमाधोपुर से पैकेज के काम को देख रहे हैं।
वर्तमान में एक्सप्रेस-वे से कोटा से बूंदी जिले के लबान तक पहुंचा जा सकता है। इसके बाद एक्सप्रेस-वे से कोटा लालसोट मेगा हाईवे पर आना पड़ता है। इस पर करीब 60 किमी चलने के बाद सवाईमाधोपुर के कुशतला से वापस दिल्ली तक एक्सप्रेस-वे का उपयोग किया जा सकता है। कोटा-दिल्ली मार्ग शुरू होने में इस पैकेज का काम ही शेष है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल का कहना है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे में प्रदेश में सवाईमाधोपुर के रणथंभौर और बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व की सीमा लगती है।
ऐसे में निर्माण स्वीकृति और औपचारिकताएं पूरी करने में काफी समय लग गया। इसके अलावा मुकुन्दरा रिजर्व में 4.9 किमी लंबी टनल के काम के दौरान पहाड़ी के बीच कच्चा पत्थर व पहाड़ी नाला आने से भी टनल के काम में देरी हो गई। इसका समय फरवरी 2026 तक बढ़ाया गया है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम 2019 में शुरू हुआ। इसे चार वर्ष में 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन कई स्थानों पर विभिन्न बाधाओं के कारण पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अब इसका काम 2026 में पूरा हो पाएगा। इसका निर्माण पूरा होने से कोटा की दिल्ली व मुम्बई से कनेक्टिविटी बेहतर होने से आम लोगों, किसानों और व्यापारियों को सीधा लाभ होगा। इसके अलावा कोटा से जयपुर व सवाईमाधोपुर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
Published on:
21 Sept 2025 09:46 am