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Montha cyclone: मोंथा तूफान के दौरान हुई बारिश से खेतों में डूबी धान की फसल, 484 किसानों ने की ऑनलाइन शिकायत, सर्वे शुरु

Montha cyclone: बेमौसम बारिश से फसल नुकसान का मामला, सर्वे करा रही बीमा कंपनी, मुआवजा वितरण कर किसानों को हुए नुकसान की कराई जाएगी भरपाई

Montha cyclone
Paddy crops in field after rain (Photo- Patrika)

बैकुंठपुर। सप्ताहभर पहले मोंथा तूफान (Montha cyclone) के कारण हुई बेमौसम बारिश में किसानों की फसलें खेत में ही डूब गईं। किसानों को हुए फसल नुकसान की शिकायत मिलने पर बीमा कंपनी उसका आंकलन करवा रही है। सर्वे के बाद किसानों को हुए नुकसार की भरपाई की जाएगी। दरअसल कोरिया जिले के 484 किसानों की ओर से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई है।

कोरिया में 23 हजार से अधिक किसान पंजीकृत हैं। खरीफ सीजन वर्ष 2025-26 में 40 हजार हेक्टेयर में धान की फसल हुई है। मोंथा तूफान (Montha cyclone) के कारण 3-4 दिन तक लगातार बारिश होने से खेतों में पानी भरने से धान की फसलों को नुकसान हुआ।

खेतों में तैयार धान की फसल पानी में डूब गई और खेतों में कटकर रखी फसल भी भीग कर खराब हो गई। हालांकि, मौसम साफ होने के बाद सप्ताहभर से किसान फसलों को सुरक्षित रखने और काटने में जुट गए हैं।

Montha cyclone: 72 घंटे में देनी थी जानकारी

कृषि विभाग ने मोंथा तूफान (Montha cyclone) से धान सहित अन्य फसलों की नुकसान को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे। खरीफ -2025 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है, किसानों को फसल नुकसान की 72 घंटे में सूचना देने पर फसल बीमा का पूरा लाभ मिलने की बात कही थी।

शिकायत या नुकसान की जानकारी दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर 14447 या 1800-419-0344 पर संपर्क करने, लोक सेवा केंद्र, जनपद या तहसील, कृषि कार्यालय, बीमा कंपनी कार्यालय में जानकारी देने की बात कही थी। वहीं फसल कटाई के बाद खेत में रखी फसल नुकसान होने पर 14 दिन के भीतर सूचना देना आवश्यक है। समय पर (Montha cyclone) सूचना देने से बीमा दावा शीघ्र प्रक्रिया में लाई जाएगी।

बचरापोड़ी क्षेत्र में 50 फीसदी फसल चौपट होने का अनुमान

तहसील क्षेत्र पोड़ी के अधिकांश गांवों में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि पोड़ी बचरा सहित आसपास गांवों में किसानों की मेहनत और लागत से फसल तैयार थी। लेकिन पिछले दिनों बेमौसम बारिश (Montha cyclone) से फसलों का नुकसान हुआ है। किसान अनोज सिंह, सचिन, पप्पू और संतलाल ने सरकार और प्रशासन से राहत की गुहार लगाई है। नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा से किसानों को क्षतिपूर्ति की मांग रखी।

किसानों ने सहकारी समितियों से ऋण लेकर खेती की थी। अब उनके सामने कर्ज पटाने की चिंता सताने लगी है। पोड़ी तहसील में लगभग 50 प्रतिशत धान की फसल बर्बाद होने की बात कही जा रही है। मामले (Montha cyclone) में किसानों नेे राजस्व अमले को सूचना दी गई थी। तब किसानों को पानी में डूबे धान की वीडियो व फोटो खींचकर रखने और बाद में सर्वे कर जांच रिपोर्ट तैयार कर नुकसान का मुआवजा दिलाने की बात कही थी।

483 किसानों से मिली है ऑनलाइन शिकायत

कोरिया के कृषि उपसंचालक राजेश भारती ने बताया कि बेमौसम बारिश (Montha cyclone) में फसलों के नुकसान को लेकर जिले से 484 किसानों की ऑनलाइन शिकायत मिली है। उसी आधार पर बीमा कंपनी फसलों का सर्वे करा रही है। इस आधार पर किसानों को नियमानुसार मुआवजा मिलेगा।