1 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कबड्डी की नई ‘स्टार गर्ल’… मजदूरी के आलम में हुई परवरिश, जानें कोरबा की संजू देवी के बारे में

Sanjudevi: छत्तीसगढ़ की चैंपियन बेटी संजू की कहानी हौसलों से भरी है। गरीब परिस्थितियों में भी अपने जुनून को कायम रखा और आज कबड्डी वर्ल्ड कप में इतिहास रच दिया..

2 min read
Google source verification
Sanju devi Success story

छत्तीसगढ़ की पहली कबड्डी चैंपियन संजूदेवी ( Photo - Patrika )

Sanju devi Success Story: छत्तीसगढ़ की बेटी संजू देवी के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय महिला टीम ने कबड्डी वर्ल्ड कप अपने नाम किया है। खास बात यह है कि प्रदेश के 25 वर्ष के इतिहास में यह पहला अवसर रहा जब राज्य के किसी भी कबड्डी खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया। ( CG News ) मार्च 2025 में ही संजू देवी ने ईरान में आयोजित 6वीं महिला एशियन कबड्डी चैम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया और कबड्डी वर्ल्डकप के लिए क्वालीफाई किया।

Sanju Devi: संजू ने बता दिए थे मंसूबे

बिलासपुर में संचालित बालिका आवासीय कबड्डी अकादमी की संजू देवी ने वर्ल्डकप के पहले मैच से ही अपने मंसूबे बता दिए थे कि न सिर्फ वह कबड्डी वर्ल्डकप हासिल करेंगी बल्कि इस पूरे टूर्नामेंट में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी, इसी का नतीजा रहा कि उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया।

शिक्षकों और कोच ने किया प्रेरित

बेहद गरीब परिवार से आने वाली 25 साल की संजू देवी पहले गांव में छोटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया करती थी। उसके खेल को देखकर ही स्कूल के शिक्षकों और कोच ने उसे कोरबा के दर्री में स्पोर्ट्स क्लब में खेलने की शुरुआत कराई। बिलासपुर की कबड्डी अकेडमी में कोच दिल कुमार राठौर से ट्रेनिंग ली। इसके बाद मार्च में तेहरान में हुई 6वीं वुमन एशियन चैपियनशिप में संजू देवी ने गोल्ड मेडल जीता।

मजदूरी करके हो रहा गुजारा

संजूदेवी के माता-पिता ने मजदूरी करके अपने बच्चों की परवरिश की है। संजूदेवी ने 16 साल की उम्र से खेलना शुरू किया और उसके बाद ​फिर आगे बढ़ती ही गई। बेहद गरीब परिवार से आने वाली संजूदेवी को कई लोगों से खेल के लिए सहयोग भी मिला।