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मलगांव मुआवजा घोटाला… जांच में अब सीबीआई की एंट्री, राजस्व अमले से कराई जमीन सीमा निर्धारण

Malgaon compensation scam: कोयला खदान के लिए अधिग्रहित गांव मलगांव की जमीन के मुआवजा में हुई हेराफेरी के मामले में अब सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की एंट्री हो गई है।

CBI की एंट्री (File Photo)

Korba News: कोयला खदान के लिए अधिग्रहित गांव मलगांव की जमीन के मुआवजा में हुई हेराफेरी के मामले में अब सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की एंट्री हो गई है। दो दिन से सीबीआई की दो सदस्यीय टीम कोरबा में है। शुक्रवार को सीबीआई के अधिकारियों ने राजस्व विभाग को गांव मलगांव बुलाया। उनसे मलगांव की सीमा का निर्धारण कराया।

यह कार्रवाई शुक्रवार सुबह 11 बजे से शुरू हुई, जो शाम करीब साढ़े चार बजे तक चलती रही। इस अवधि में सीबीआई की दो सदस्यीय टीम के अलावा हरदीबाजार के तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारी उपस्थित थे। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अफसराें के कहने पर उन्होंने मलगांव की सीमा का निर्धारण अपने पास मौजूद मैप से किया।

जब मौके पर ग्राम मलगांव की सीमा का निर्धारण पूरा हो गया है, तो सीबीआई ने मौके पर उपस्थित राजस्व विभाग की टीम से पंचनामा तैयार कर मांगा। लेकिन राजस्व विभाग की टीम ने उन्हें बताया कि पंचानाम लेने के लिए उन्हें विधिवत आवेदन देनी होगी। तब सीबीआई के अधिकारी यह करते हुए चले गए कि ठीक है। अगले हफ्ते फिर मलगांव आएंगे।

मलगांव में चल रही सीबीआई की कार्रवाई की भनक लगते ही कुछ लोग मौके पर पहुंचे। हालांकि टीम ने अपनी कार्रवाई से संबंधित जानकारी लोगों के साथ सांझा नहीं की। यह कहा कि जांच चल रही है। इसमें कोई बाधा नहीं बने।

क्या मामला?

एसईसीएल की दीपका खदान विस्तार के लिए गांव मलगांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। गांव की चल अचल संपति का निर्धारण कर मुआवजा बांटा गया है। इस मसले को लेकर सीबीआई से एक शिकायत की गई है। इसमें बताया कि मुआवजा के निर्धारण और वितरण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। ऐसे लोगों को मुआवजा बांटा गया है, जिनका इस गांव से कोई संबंध नहीं है। गांव में उनकी मकान तक नहीं है। बावजूद इसके कागजों में फर्जी मकान दिखाकर मुआवजा तैयार कर वितरण कराया गया है। सरकारी खजाने से करोड़ाें रुपए बांटे गए हैं।

प्रशासन की जांच में फर्जी मुआवजे की पुष्टि

इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन से भी हुई थी। प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीम तैयार की। इसकी जांच कराई। जांच में फर्जी मुआवजा तैयार करने की पुष्टि हुई है। पहली जुलाई, 2025 को जिला प्रशासन की ओर जारी एक प्रेस नोट में बताया गया था कि छानबीन के दौरान 152 मकानों का पता चला, जो गांव में नहीं थे। फिर भी इसके लिए गलत तरीकेे से मुआवजा पत्रक बनाया गया। इसका खुलासा होने के बाद कटघोरा के तत्कालीन एसडीएम ने दीपका के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मुआवजा वितरण पर रोक लगाने की मांग की थी।

फर्जीवाड़ा करने वाले को प्रशासन ने बशा, नाम भी नहीं किया सार्वजनिक

ग्राम मलगांव में 152 मकानों का मुआवा किस- किस व्यक्ति के नाम पर तैयार किया गया है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन की ओर से सार्वजनिक नहीं की गई। न ही कार्य में शामिल तत्कालीन पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और एसईसीएल के तत्कालीन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। इसे लेकर प्रशासन के कार्यों पर भी सवाल खड़ा किया गया।