
विश्व टेलीविजन दिवस हमें सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे एक साधारण डिब्बा हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया। कभी गांव-गांव में जाजम पर बैठकर धार्मिक धारावाहिक देखते थे। आज स्मार्ट टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म ने दुनिया को हमारी हथेली पर ला दिया है। तकनीक ने ब्लैक एंड व्हाइट से एलईडी तक पहुंचाया। कंटेंट ने मनोरंजन से शिक्षा और सूचना तक का दायरा बढ़ाया।
गुरुवार को पत्रिका ने टेलीविजन दिवस को लेकर कुछ महिलाओं ने पत्रिका से अपने विचार साझा किए। उनका कहना है कि उनका कहना है कि टीवी ने न केवल मनोरंजन दिया बल्कि शिक्षा और संस्कार भी दिए हैं। महिलाओं का मानना है कि टेलीविजन ने समाज को जोडऩे और संस्कार देने का काम किया है। तकनीकी बदलावों ने इसे और आधुनिक बनाया है। लेकिन इसके साथ आने वाली चुनौतियों से सावधान रहना भी उतना ही जरूरी है।

पहले ‘ बुनियाद ’, ‘ हम लोग ’ जैसे सीरियल और ‘ रामायण ’, ‘ महाभारत ’ जैसे धार्मिक कार्यक्रम पूरे परिवार को एक साथ बैठने का अवसर देते थे। आज ओटीटी प्लेटफॉर्म ने हमें विश्व की चर्चित फिल्मों और सीरीज से परिचित कराया है। यह सकारात्मक है, लेकिन इसके साथ अपसंस्कृति भी आ रही है, जिससे सतर्क रहना जरूरी है। ...डॉ. सीमा कदम, विभागाध्यक्ष, गृहविज्ञान विभाग, जीडीसी,

पहले दूरदर्शन के कुछ ही चैनल थे और ब्लैक एंड व्हाइट चित्र दर्शकों को आकर्षित करते थे। अब एलईडी और स्मार्ट टीवी ने तकनीक को आधुनिक बना दिया है। सैकड़ों चैनल उपलब्ध हैं कनेक्टिविटी ने टीवी को वैश्विक बना दिया है। नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम और हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म ने देखने का तरीका बदल दिया है।...डॉ. रश्मि दीक्षित, सहायक प्राध्यापक, पूनमचंद वोकेशनल महाविद्यालय,

80 के दशक से आज तक टीवी ने शिक्षा, ज्ञानवर्धन और मनोरंजन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं। गांवों में लोग जाजम पर बैठकर धार्मिक धारावाहिक देखते थे। टीवी ने ब्लैक एंड व्हाइट से कलर और बॉक्स टीवी से एलईडी तक का सफर तय किया है। इसके उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम और दर्शकों की रुचि आज भी बनी हुई है। लेकिन आज के दौरान जो प्रस्तुत होतो है। वह सबसे अलग होता है।...दीप कुंवर चौहान, गृहिणी, रमेंद्र ग्रीन कॉलोनी,,

हमारे समय में दूरदर्शन और आज टेलीविजन में अंतर है । तब दूरदर्शन पर सीमित और मुख्य रूप से ज्ञानवर्धक, सांस्कृतिक और उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री होती थी। और परिवार के साथ मनोरंजन कार्यक्रम भी देखे जाते थे। आज टीवी में सैकड़ों चैनल, तकनीक, स्मार्ट टीवी फीचर्स और विभिन्न प्रकार की मनोरंजन सामग्री उपलब्ध है। जिसमें अक्सर भव्यता और दिखावट पर ज़ोर दिया जाता है।...सुनीता खुपसे, बुजुर्ग, गृहिणी,
Published on:
21 Nov 2025 12:08 pm

