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Shiv Mahapuran Katha: शिवपुराण कथा के पहले दिन उमड़ी भीड़, पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रवचन सुनने पहुंचे भक्त

Shiv Mahapuran Katha: कथा के पहले दिन कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हालांकि वहां पर एक दिन पहले से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचने लगे थे।

Shiv Mahapuran Katha: शिवपुराण कथा के पहले दिन उमड़ी भीड़, पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रवचन सुनने पहुंचे भक्त
शिवपुराण कथा के पहले दिन उमड़ी भीड़ (Photo Patrika)

Shiv Mahapuran Katha: जिला मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर ग्राम घुघरीखुर्द में चल रहे शिवमहापुराण कथा व सुरभि महायज्ञ के पहले दिन ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के प्रवचन को सुनने जिले और बाहर से हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे। श्रद्धा और भक्ति के इस माहौल के बीच आयोजन स्थल पर पार्किंग और व्यवस्थाओं की कमी ने श्रद्धालुओं को खासा परेशान किया। कथा के पहले दिन कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हालांकि वहां पर एक दिन पहले से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचने लगे थे।

कथा स्थल पर चारों ओर हर-हर महादेव के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालु प्रदीप मिश्रा के मुखारविंद से शिवपुराण कथा सुनकर अभिभूत नजर आए। भीड़ और अव्यवस्था के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। कथा वाचक मिश्रा की ख्याति को देखते हुए कार्यक्रम में न केवल कबीरधाम बल्कि राजनांदगांव, खैरागढ़, बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, मुंगेली यहां तक कि मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडौरी, बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया से भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।

पहला पार्किंग स्थल खाली पड़ा रहा

पार्किंग की अव्यवस्था ने श्रद्धालुओं को परेशान किया। कई श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ियां दूर खड़ी करनी पड़ीं, जबकि पास का पहला पार्किंग स्थल खाली पड़ा रहा। बताया जा रहा है कि व्यवस्थापकों ने पहले पार्किंग को भरने के बजाय दूसरे और तीसरे पार्किंग स्थलों पर गाड़ियां लगवाईं जिससे श्रद्धालुओं को पैदल लंबा सफर तय करना पड़ा। इससे नाराज होकर कई श्रद्धालुओं ने आयोजकों के प्रति असंतोष जताया।

श्रद्धालुओं ने प्रशासन और आयोजन समिति से आग्रह किया है कि दूसरे दिन की कथा से पहले पार्किंग व्यवस्था में सुधार किया जाए। उनका कहना है कि पहले नंबर की पार्किंग को प्राथमिकता से भरा जाए जिससे बाद में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। साथ ही दिशा-सूचक बैनर और स्वागत द्वार लगाए जाएं ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सही मार्ग मिल सके।

आयोजन स्थल तक पहुंचने के लिए तीन प्रमुख मार्ग मिनी माता चौक, जोराताल चौक और पिपरिया मार्ग से पहुंचा जा सकता है, लेकिन सभी मार्ग सिंगल सड़कें हैं। वाहनों की भीड़ बढ़ने पर कई बार जाम की स्थिति भी बनी। पुलिसकर्मियों ने हालात संभालने की कोशिश की, मगर पर्याप्त ट्रैफि क व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालुओं को देर तक इंतजार करना पड़ा।

सूचना बोर्ड नहीं

अन्य जिलेे और दूर गांवों से आने वाले श्रद्धालु आयोजन स्थल की लोकेशन को लेकर भ्रमित रहे। शहर में किसी भी जगह बैनर, पोस्टर या दिशा-सूचक बोर्ड नहीं लगाए गए, जिसके चलते लोगों को रास्ता पूछ-पूछकर जाना पड़ा। अधिकांश श्रद्धालु यह मानकर आए थे कि आयोजन शहर में है, लेकिन बाद में पता चला कि यह स्थल तो शहर से चार किलोमीटर दूर है।