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घूंघट की ओट से बहुओं ने हल किया पर्चा, बच्चों संग माता-पिता तो नाती-पोता के बीच दादा-दादियों ने थामीं कलम

शिक्षा की ललक ने जोड़ा चार पीढिय़ों का संगम, जिलेभर के 1215 चेतना केंद्रों में आयोजित हुई उल्लास नव भारत सारक्षता परीक्षा, 15 वर्ष से अधिक से लेकर उम्र के चौथे पड़ाव तक के 10 हजार से अधिक लोगों ने हल किया पर्चा

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कटनी

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Balmeek Pandey

Sep 21, 2025

Ullas nav bharat sakshrata exam

Ullas nav bharat sakshrata exam

कटनी. कलम और किताब की ताकत ने रविवार को जिले में एक बार फिर भावुक नजारा रच दिया, उल्लास नव भारत साक्षरता अभियान के तहत 1215 चेतना केंद्रों पर परीक्षा आयोजित हुई, किशोरों से लेकर बहुओं, बेटियों, दादी-दादाओं तक ने एक साथ बैठकर पर्चा हल किया, घूंघट की ओट में बहुएं लिख रही थीं तो उम्रदराज दादियां भी उत्साह से कलम चला रही थीं, 10 हजार से लोगों ने इस परीक्षा में भाग लिया और शिक्षा की नई इबारत लिखी, शिक्षा की इस अजब ललक ने समाज को साक्षरता का असली उत्सव बना दिया…।
शिक्षा की अलख जगाने वाले उल्लास नव भारत साक्षरता अभियान के तहत रविवार को जिलेभर के 1215 चेतना केंद्रों में परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा की सबसे बड़ी खूबसूरती यह रही कि एक ही छत के नीचे किशोर, बेटियां, बहुएं और दादा-दादी सबने मिलकर पर्चा हल किया। इस परीक्षा में 18 हजार को पर्चा हल करना था, जिसके तहत 10,896 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। बहुएं घूंघट की ओट में बैठकर लिख रही थीं तो दादियां और दादाओं ने भी उनके साथ कलम उठाई। उम्र के चौथे पड़ाव में पहुंच चुके बुजुर्गों के चेहरे पर पढऩे और लिखने की ललक साफ झलक रही थी। कलेक्टर आशीष तिवारी के संरक्षण, जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत के निर्देशन और जिला परियोजना समन्वयक प्रेमनारायण तिवारी एवं एपीसी सुवरण सिंह के नेतृत्व में यह परीक्षा संपन्न हुई। जिले के अधिकारियों ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर परीक्षार्थियों का उत्साह देखा।

77131 लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य

बता दें कि उल्लास नव भारत साक्षरता अभियान की शुरुआत 2022 में हुई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कटनी जिले में 77,131 लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। 2027 तक लोगों को पूरी तरह से साक्षर करना है। इसी कड़ी में जून और जुलाई से कक्षाएं आयोजित कराई गईं और अब रविवार को परीक्षा ली गई।

परिवार संग शिक्षा का पर्व

इस परीक्षा में परिवार की कई पीढिय़ां एक साथ बैठी नजर आईं। दादियां और माताएं बहुओं-बेटियों संग बैठकर पर्चा हल कर रही थीं। किशोर अपने माता-पिता के साथ परीक्षा कक्ष में बैठे दिखे। यह दृश्य शिक्षा के उत्सव और सामाजिक जागरूकता का मार्मिक उदाहरण बन गया।

यह रही परीक्षार्थियों के पंजीयन व बैठने की स्थिति
ब्लॉक लक्ष्य उपस्थिति
बड़वारा 3000 2700
बहोरीबंद 3500 2150
ढीमरखेड़ा 3500 2210
कटनी 1000 720
रीठी 3500 1708

विगढ़ 3500 1708

योग 18000 10896

इनको सौंपी गई थी जिम्मेदार

नव भारत साक्षर अभियान के तहत 2025-26 के लिए पहल शुरू हुई है। इसके लिए साक्षरता समन्वयक, विकासखंड समन्वयक, स्कूल समन्वयकों को असाक्षरों को साक्षर कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रौढ़ शिक्षा सारक्षता कार्यक्रम को शिक्षा के नियमित कार्यक्रम में शामिल करते हुए यूनेस्कों की पहल पर अभियान चल रहा है। इस अभियान में शामिल लोग पुस्तकों को पढ़ सकें, समझ सकें और अंको का ज्ञान हो यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। सामाजिक चेतना कें्रदों के माध्यम से इन व्यक्तियों को पढऩा, लिखना और समझना सिखाया गया। विशेष बात यह है कि इस प्रयास में सर्वाधिक भागीदारी उन लोगों की रही है, जो उम्र के चौथे पड़ाव में हैं।

कई हजार ने दी है परीक्षा

2022 से यह अभियान जिले में प्रभावी किया गया है। अभी तक इसके तहत 4 बार परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। 2022-2 की आयोजित परीक्षा में 13 हजार 374 लोगों नामांकित किए गए थे। इसमें से 10 हजार 635 ने परीक्षा दी थी। इसी प्रकार दूसरी परीक्षा में 18 हजार 947 लोगों का पंजीयन किया गया। 13 हजार 600 लोग परीक्षा में शामिल हुए। 11 हजार 200 लोग पास हुए। वहीं तीसरी परीक्षा में 25 हजार 294 लोगों का पंजीयन कराया गया है। 13 हजार 434 लोग शामिल हुए। 11 हजार 823 पास हुए। इसी प्रकार चौथी परीक्षा में 67 हजार 807 लोगों का पंजीयन हुआ था, इसमें सबसे कम 33 हजार 903 लोग ही शामिल हो पाए।