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20 वर्षों बाद शहर का सीना होना रहा छलनी, अफसरों ने दे दी बॉक्साइड-लेटराइट खनन की स्वीकृति

खनिज विभाग व प्रशासन की मूक सहमति से बिगड़ रही शहर की फिजा, आइसीएच के पीछे खदान को पाटने चल रहा खेल

कटनी

Balmeek Pandey

Sep 20, 2025

Protest against bauxite mining in city
Protest against bauxite mining in city

कटनी. जिलेभर में खनिज संपदा का खनन माफिया मनमाफिक दोहन कर रहे हैं। करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में भी अब खनिज कारोबारियों की हिमाकत बढ़ती जा रही है। माधवनगर थाना के पीछे शहर के ऑक्सीजन जोन कहे जाने वाले जागृति पार्क से लगी हुई बॉक्साइड व लेटराइट की खदान जो 20 वर्षों से बंद थी, उसे चालू कर दिया गया है। नगर निगम व शहरी सीमा क्षेत्र में खदानों का चलना मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है, बावजूद इसके इस्माइल एंड संस को हर विभाग ने क्लीनचिट दे दी गई। खनिज, प्रदूषण, सिया, वन विभाग, नगर निगम, प्रशासन ने बीच शहर फिर खदान चालू करके शहरवासियों के लिए दमघोंटू निर्णय ले लिया है। विरोध के बाद भी अधिकारियों ने अबतक मामले को संज्ञान में नहीं लिया। इस खदान का संचालन इधर बीच शहर इंडियन कॉफी हाउस के पीछे खदान पाटने का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है।
जानकारी के अनुसार इस्माइल एंड संस कंपनी की बॉक्साइड और लैटराइट की खदान दो साल पहले खदान को चालू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कराई गई। खदान चालू करने के लिए नगर निगम से एनओसी मिल गई, लोक सुनवाई करा ली गई। वन विभाग ने भी एनओसी दे दी और सिया से भी अनुमति हो गई। इसी जारी कर दी गई। प्रदूषण विभाग ने सीटीओ जारी किया है। खनिज विभाग ने बकाया जमा कराते हुए दो माह के लिए टीपी जारी कर दी हैं। अब विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 31 अक्टूबर तक के लिए लीज बढ़ाई गई है। 50 साल के लिए लीज पर ही खदान दी गई है, जिसकी समयवधि 31 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी। पूर्व में इसी न होने के कारण बंद थी। नियम के अनुसार नगर निगम सीमा क्षेत्र में खदान बीच शहर नहीं चल सकती, इसके बाद भी खनन हो रहा है, जिसका विरोध शुरू हो गया है।

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यहां पर हो रहा खदान का संचालन

माधवनगर में जागृति पार्क के पीछे ग्राम टिकुरिया के खसरा नंबर 2/1क, 2/2, 2/3 ख, 2/5, 18/5पी, 55 पी कुल क्षेत्र 16.87 हेक्टेयर में बॉक्साइड, लेटराइट व लाइमस्टोन खनिज के लिए मेसस स्माईल एंड संस को 1/11/1995 से 31/10/25 तक की लीज स्वीकृत की गई है। लीज स्वीकृति के बाद यहां कुछ वर्षों तक तो खनन हुआ लेकिन पर्यावरण स्वीकृति के अभाव में यहां करीब 20 वर्षों से खनन बंद है। एक बार फिर मेसस स्माईल एंड संस ने यहां खनन को लेकर अनुमति दी है। पर्यावरण अनुमति के लिए यहां 28 मार्च 2023 को लोक सुनवाई का आयोजन किया गया और इस प्रक्रिया को पूरा कर रिपोर्ट बोर्ड को भेजी गई। परियोजना क्षेत्र के विवरण में जिन दस्तावेजों को लगाया गया है उनमें खदान से शहर की दूरी 2.5 किमी बताई गई है जबकि खदान बीच शहर में स्थित है।

60 एकड़ में फैला है शहर का सबसे बड़ा पार्क

जानकारी के अनुसार जागृति पार्क करीब 80 एकड़ सरकारी क्षेत्रफल में है। पार्क की देखरेख कटनी पर्यावरण संधारण समिति करती है और इसके अध्यक्ष खुद कलेक्टर हैं। 10 वर्षों में पार्क से जुडकऱ शहर के सैकड़ों दानदाताओं, उद्योगपतियों, समाजसेवियों, पर्यावरण मित्रों ने इसे संवारा है। शहर को साफ सांसें देने पहल की है, जिस पर अब खनन कारोबारी व अफसरों का गठजोड़ कुठाराघात कर रहा है। जागृति पार्क से सटकर ही बॉक्साइड, लेटराइट के लिए स्वीकृत क्षेत्र है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमित शुक्ला का कहना है कि पार्क के आसपास माइनिंग शुरू हुई इससे जागृति पार्क पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और पूरा माधवनगर क्षेत्र प्रदूषण की चपेट में आएगा। हजारों पेड़ प्रदूषण की चपेट में आकर खत्म हो जाएंगे।

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खदान का खत्म किया जा रहा अस्तित्व

शहर में पेयजल की गंभीर समस्या है। गर्मी में त्राहि-त्राहि की स्थिति आ बनती है। नगर निगम द्वारा खदानों का सहारा लिया जाता है। ढाई करोड़ की योजना से इमलिया खदान से बैराज पानी पहुंचाया जा रहा है, इसके बाद भी शहर की तलैया व खदानें पाटी जा रही हैं। इंडियन कॉफी हाउस के पीछे गोयनका लाइम स्टोन की स्वीकृत खदान थी, 1970 में खदान खत्म हो चुकी हैं। अब इसे मलबा से पाटकर अस्तित्व खत्म किया जा रहा है। जबकि उच्च न्यायालय के आदेश है कि वे खदानें जो पानी के लिए उपयोग हो सकती हैं व वॉटर रिचार्ज होता है, उन स्रोतों को संरक्षित किया जाए।

वर्जन
नियम के अनुसार जागृति पार्क के बाजू से बॉक्साइड व लेटराइट खदान को दो माह के लिए अनुमति मिली है। जब अनुति की प्रक्रिया चली थी, तब लोगों ने विरोध नहीं किया अब बेवजह विरोध कर रहे हैं। आइसीएच के पीछे की खदान को क्यों पाटा जा रहा है इसकी जांच कराएंगे।
रत्नेश दीक्षित, उपसंचालक खनिज।