
कटनी. फसल अवशेष (नरवाई) जलाने संबंधी जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने पर बहोरीबंद तहसील के 13 भू- स्वामियों पर सैटेलाइट मॉनिटरिंग से प्राप्त डेटा के आधार पर 25 हजार रुपए पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (अर्थदंड) अधिरोपित किया गया है। यह कार्रवाई तहसीलदार, बहोरीबंद के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।
जानकारी के अनुसार फसलों के अवशेष (डंठलों) को जलाने से धुआं उत्पन्न होता है, जिससे गंभीर पर्यावरणीय प्रदूषण बढ़ता है। शासन के पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत यह कृत्य पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित है। एसडीएम बहोरीबंद राकेश कुमार चौरसिया द्वारा जारी आदेश के अनुसार सैटेलाइट मैपिंग के जरिए प्राप्त विवरण की मौका जांच हल्का पटवारी और क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कराई गई, जिसमें कई खेतों में फसल अवशेषों को जलाने की पुष्टि हुई। इसके बाद उनकी भूमि के आकार के आधार पर ढाई हजार से 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया गया है।
कोई किसान या व्यक्ति यदि नरवाई में आग लगाता है तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति स्वरूप 2 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों पर 2,500 रूपए प्रति घटना, 2 एकड़ से अधिक और 5 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों पर 5 हजार रूपए प्रति घटना और 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों पर 15 हजार रूपए प्रति घटना अर्थदंड का प्रावधान है।
एसडीएम बहोरीबंद द्वारा जारी आदेश के अनुसार राजस्व निरीक्षक मंडल कुआं के अंतर्गत ग्राम किरहाई पिपरिया निवासी रामसहाय, नारायण, छोटी बाई, प्रमोद, दिलीप और अमोघ पर संयुक्त रूप से 5 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। इसी प्रकार ग्राम कुंआ निवासी भंगा और सुरेश पर 2500-2500 रुपए, धर्मेंद्र पर 5000 रुपए का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है वहीं बहोरीबंद राजस्व निरीक्षक मंडल के अंतर्गत ग्राम महगवां निवासी मंगोबाई और रुक्को बाई पर सयुंक्त रूप से 2500 रुपए का अर्थ दंड, ग्राम कूडऩ निवासी रामदास, तुलसीराम और मोहनिया ग्राम के अनंत सिंह पर 2500-2500 का अर्थ दंड अधिरोपित किया गया है।
Published on:
24 Nov 2025 08:33 pm

