कटनी. स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों में मलेरिया रोग का ग्राफ पिछले पांच वर्षों से लगातार गिर रहा है। वर्ष 2016 में मलेरिया रोगियों की संख्या जहां 649 थी वहीं इस वर्ष 2025 में अबतक सिर्फ 09 मरीज मलेरिया पॉजीटिव पाए गए हैं। बीते 10 वर्षों के आकड़े और भी चौकाने वाले है। इस वर्षों में मलेरिया के संभावित 17 लाख 11 हजार 354 मरीजों का स्लाइड बनाकर परीक्षण तो किया गया लेकिन इनमें सिर्फ 2243 ही मलेरिया से पीडि़त मिले। हालांकि ये सिर्फ सरकारी आकड़े हैं लेकिन राहत देने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद भी प्राइवेट अस्पतालों द्वारा न तो रोगियों की जानकारी विभाग को भेजी जा रही है और न ही विभाग के अधिकारी जानकारी एकत्रित करने में रूचि ले रहे हैं। आलम यह है कि सरकारी आकड़ों में जिले में सबकुछ ठीकठाक चल रहा है। जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मलेरिया के संभावित मरीजों की जांच विभाग द्वारा कराई जाती है। प्रतिवर्ष करीब 1 लाख 50 हजार से अधिक रक्त स्लाइड की जांच हो रही हैं और इनके आधार पर ही जिले में रोगियों की संख्या तय की जाती है।
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने स्वच्छता पर ध्यान दिया तो मलेरिया के मामले भी कम हो गए। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विंग के प्रयास और लोगों का मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरुकता से भी संभव हो पाया है। लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग विश्व मलेरिया दिवस मनाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक कर इस बीमारी से बचाया जा सके। दवाओं का छिडक़ाव व लार्वा विनिष्टीकरण किया जाता है।
सरकारी आकड़ों पर नजर डाले तो जिले में बीते 10 सालों में 2 हजार 243 मरीज मिले हैं। इनमें वर्ष 2016 में 649, 2017 में 587, 2018 में 521, 2019 में 265 मरीज मिले। इसके बाद कोविड के दौर में मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। वर्ष , 2020 में 64, 2021 में 34, 2022 में 30, 2023 में 22, 2024 में 62 व 2025 में अगस्त माह तक सिर्फ 9 मरीज मिले हैं।
वर्ष ब्लड स्लाइड मलेरिया रोगी
2016 151396 649
2017 153181 587
2018 158391 521
2019 177604 265
2020 163218 64
2021 172156 34
2022 206908 30
2023 195090 22
2024 202604 62
2025 130806 09
कुल 1711354 2243
पिछले 10 वर्षों में डेंगू मरीजों का आकड़ा
वर्ष मरीज
2016 71
2017 18
2018 07
2019 01
2020 02
2021 58
2022 16
2023 70
2024 108
2025 06
कुल 357
शहर में कई वार्डों के खाली प्लाटों में जमा हुआ है। पानी से दुर्गंध उठ रही है और मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। शहर में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। लोग मलेरिया सहित अन्य बीमारियों से पीडि़त होकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं और निजी लैब में मलेरिया की जांच करा रहे हैं लेकिन अस्पतालों से आकड़े स्वास्थ्य को न भेजे जाने के कारण आकड़ों में साल-दर-साल गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि नगरनिगम प्रतिदिन वार्डों में फॉङ्क्षगंग मशीनों से रासयनिक धुआं कर रहा है।
मलेरिया के ये हैं लक्षण
चिकित्सकों के मुताबिक ठंड लगता, कंपकंपी, सिर दर्द, उल्टी एवं चक्कर आना, तेज बुखार एवं अत्यधिक पसीने के साथ बुखार का कम होना, जी मचलाना आदि मलेरिया के लक्षण है। ऐसी स्थिति में मरीजों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराना चाहिए।
इसका रखें ध्यान
-अपने आसपास कहीं पर भी पानी ना इक_ा होने दें।-पेस्ट कंट्रोलिंग से महीने में एक बार घर के आसपास छिडक़ाव जरूर करवाएं।
-घर के फर्श और आसपास की जगह को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें।
-अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां पर बहुत ज्यादा मच्छर हैं तो रात को सोते समय मच्छर मारने वाली क्वाइल या फिर मच्छरदानी लगाकर सोएं।
-ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर पूरी तरह से ढके रहें ताकि मच्छर आपको काटे ना।
-कहीं बाहर की यात्रा करने के दौरान साफ पानी पिएं।
जिले में मलेरिया का ग्राफ लगातार गिर रहा है। पिछले पांच वर्षों में लगातार मरीजों की संख्या कम हुई है। विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया है और लोग स्वच्छता के प्रति अब अलर्ट हो गए हैं। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की जानकारी देने के लिए कई बार पत्र लिखकर कहा गया है।
शालिनी नामदेव, जिला मलेरिया अधिकारी
Published on:
22 Sept 2025 07:48 am