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समाज सेवा की मिसाल: सैकड़ों अनाथ बेटियों की मां बनकर बदल रहीं तकदीर

हिरवारा में लिटिल स्टार फाउंडेशन का किया जा 2005 से संचालन, जरूरतमंद बेटियों को दे रही परिवार जैसी देखभाल

कटनी

Balmeek Pandey

Sep 28, 2025

Doctor's social service became an example
Doctor's social service became an example

कटनी. डन कॉलोनी निवासी डॉ. स्नेह चौधरी ने पति डॉ. समीर चौधरी के साथ 2005 से समाज सेवा का ऐसा काम शुरू किया है जो हर किसी के दिल को छू जाता है। जिन बेटियों का कोई नहीं होता, उनके लिए डॉ. स्नेह ने मां का काम करना शुरू किया। उनकी देखरेख में बेटियां पढ़ाई, स्किल डेवलपमेंट, नौकरी, शादी और पूरी देखभाल पा रही हैं। इस कार्य में उनके पति डॉ. समीर चौधरी का भी विशेष सहयोग है। हिरवारा स्थित लिटिल स्टार फाउंडेशन में वर्तमान में 26 बेटियों को आश्रय मिला हुआ है। यहां उन्हें माता-पिता के स्नेह जैसी देखभाल, शिक्षा और जीवन के हर अवसर की सुविधा दी जा रही है। डॉ. स्नेह और डॉ. समीर चौधरी का यह प्रयास अनाथ बेटियों की जिंदगी में आशा की किरण बन गया है। उनके प्रयास ने कटनी में समाज सेवा का एक मार्मिक और प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है, जो हर किसी के लिए सीख और प्रेरणा बन सकता है।

अनाथ बेटियों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया

डॉ. स्नेह चौधरी ने बताया कि उनकी समाज सेवा की शुरुआत एक ऐसे मामले से हुई, जब एमजीएम अस्पताल में एक गंभीर हालत में बेटी आई थी, जिसका परिवार उसे रखने को तैयार नहीं था। नाना-नानी रख पाने में असमर्थ थे। बेटी को जबलपुर के अनाथालय में भेजा गया, लेकिन वहां रखने से मना कर दिया गया। समाजसेवियों की मदद से वह कटनी वापस आई और इसी बेटी की देखभाल ने डॉ. स्नेह और डॉ. समीर को लिटिल स्टार फाउंडेशन शुरू करने की प्रेरणा दी।

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परिवार बनाकर दी बेटियों की देखभाल

शुरुआत में एक परिवार की मदद से बेटी की देखभाल शुरू की गई। गायत्री नगर में किराये का मकान लेकर डॉक्टर दंपत्ति ने वहां बेटी की देखभाल सुनिश्चित की। धीरे-धीरे इस प्रयास में और बेटियां जुड़ती गईं और संख्या 30 तक पहुंच गई। कलेक्टर एम. सैल्वेद्रम ने मदद का आश्वासन दिया और बाद में फाउंडेशन की नींव पड़ी। बेटियों के लिए साढ़े 3 एकड़ जमीन कलेक्टर एम. सैल्वेद्रम ने दिलवाई। इसके बाद कलेक्टर अशोक सिंह, विकास नरवाल और समाजसेवकों की मदद से सेंटर का निर्माण कराया गया। अब तक 600 बेटियों को आश्रय और शिक्षा दी जा चुकी है।

बेटियों को मिल रही नई जिंदगी

सेंटर में बेटियों को पढ़ाई के साथ कढ़ाई, बुनाई, हॉर्स राइडिंग और स्किल डेवलपमेंट कोर्स भी करवाए जाते हैं। हॉर्स राइडिंग में 7 बेटियों ने बेहतर प्रदर्शन कर नौकरी भी हासिल की है। अब तक सेंटर में 7 बेटियों की शादी, 22 बेटियों को गोद दिलाया जा चुका है। देश-विदेश से लोग बेटियों को गोद ले चुके हैं। सेंटर में बेटियों को सभी सुविधाएं दी जाती हैं और डॉक्टर दंपत्ति उन्हें माता-पिता की तरह स्नेह व सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।