
कटनी. शहर से लगे सुरखी टैंक को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजनाएं सिर्फ सवा करोड़ रुपए फूंकने के बाद ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। विकास की खूब योजनाएं बनी, लेकिन यहां का सौंदर्य कुर्सियां लगाने तक ही सिमट गया। इससे आगे की योजना पर अमल नहीं हो सका। सुरखी डैम को कटनी की पहचान के रुप में विकसित करने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा प्रयास शुरू किए गए थे लेकिन फिलहाल यह प्रयास शिथिल पड़ गए हैं। अब हालत यह हैं कि यहां पर झाड़-झंकाडिय़ा उग आई हैं, पाथ-वे में गड्ढे हो गए गए हैं। शेड व कुर्सियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 8 करोड़ की योजना पर आगे जिले के अफसर अमल नहीं करा पाए। जबकि जनप्रतिनिधियों व अफसरों का दावा था कि जिलेवासी एडवेंचर्स स्पोट्र्स का लुत्फ उठा सकेंगे। बता दें कि स्थानीय विधायक संदीप जायसवाल, तत्कालीन कलेक्टर ने फरवरी 2017 में डैम के विकास और विस्तार की दिशा में हर संभव कार्य करने की बात की बात कही थी। इस दौरान कहा गया था कि एडवेंचर्स स्पोट्र्स के माध्यम से शहरवासी इस सुन्दर स्पॉट पर अपने परिवारजनों के साथ आएंगे और आनंद उठा सकेंगे। साहसिक खेलों के आयोजन भी किया जाना था।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को सुरकी डैम के चारों तरफ बेहतर विकास के लिये हर संभव कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा गया था। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को पर्यटन स्थल के रूप में सुरखी डैम को विकसित करने के लिए हर महत्वपूर्ण को इसकी कार्य योजना में सम्मिलित करने के आदेश दिए थे। यहां पर साहसिक खेल की 10 से अधिक गतिविधयों आयोजित किए जाने की योजना थी। इसमें पैरासैलिंग, बनाना बोट, पैराकोटरिंग, वॉटर सफरिंग, बॉल क्लाईमिंग, बंजीजंप, बुल राईड, वॉटर रोलर, जिप लाईन, वॉटर स्कूटर और जेट्सकी जैसे आयोजन शामिल थे। जिसका भरपूर मजा जिलेवासी उठा सकते थे। वहीं इस मामले नागरिकों को उम्मीद जगी थी कि यह स्थान इन खेलों के आयोजन होने के बाद पूरे शहर के लिए विशेष हो जाएगा। इसके लिए प्रशासन की पहल सराहनीय है। इससे कटनी शहर का विकास होगा लेकिन सुरकी का विकास फाइलों में कैद रह गया।
डैम पानी से तो लबालब है, लेकिन सौंदर्यीकरण दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा। सुर्खी तालाब में प्रथम चरण के पिचिंग और रेलिंग का कार्य कराया गया था, जो अब बदहाल हो चुका है। तालाब की वेस्टबियर के स्लूस गेट की बैरिकेटिंग, रास्ता और घास लगाने का शेष कार्य अधूरा पड़ा है। सडक़ की तरफ चौथे चरण में किए जाने वाले 2 किलोमीटर लम्बाई में फेन्सिंग और पेवर ब्लॉक बिछाने का कार्य अधूरा पड़ा है। सडक़ किनारे ग्रीन बेल्ट का प्लान्टेशन होना था, वह नहीं आ रहा। इसके साथ ही तालाब के अपस्ट्रीम के कैचमेन्ट एरिया में समतल भूमि नहीं होने से सडक़ के 2 किलोमीटर भाग में स्टील फेन्सिंग और पेवर ब्लॉक के स्थान पर पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी ठंडे बस्ते तें हैं।
सुरखी जलाशय में पर्यटन की सुविधाओं के विस्तार के लिए 346.01 लाख रुपए जीर्णाेद्धार व सौंदर्यीकरण का काम कराया गया है। सुरखी-पोंड़ी जलाशय के जलराव क्षेत्र में 50 मीटर दूरी पर 4.20 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग बनाया जाना था, जिसमें पेवरब्लॉक लगने थे, लेकिन मार्ग बनाकर औपचारिकता निभा दी गई है। इसके साथ ही जलभराव क्षेत्र में 480 नग ह्यूम पाइप का प्रावधान तय किया गया था, ताकि टैंक में पानी सुगमता से आ सके। यहां पर 8 मीटर और 4.50 मीटा के दो सर्वसुविधायुक्त हॉल का निर्माण किया जाना था, जिसका काम आजतक नहीं हुआ। इसमें पर्यटकों को विश्राम करने व ठहरने की सुविधा दी जानी थी।

बता दें कि सुरखी जलाशय से सात गांव के किसानों के खेतों की प्यास बुझती है। इसमें सुरखी, पोंडी, मड़ई, जुहली, जुहला, देवरा व जुगियाकाप गांव शामिल हैं, यह सात गांव के लिए जीवन रेखा टैंक कहा जाता है। दो नहरों के माध्यम से खेतों की सिंचाई हो रही है। बात दें कि टैंक का जलग्रहण क्षेत्रफल 14.52 वर्ग किलोमीटर है, उपयोगी जलभराव की क्षमता 3.98 मिलियन घन मीटर है। टैंक का कमांड क्षेत्र 809 हेक्टेयर है। जलाशय की कुल लंबाई 1341 मीटर, ऊंचाई 11.80 मीटा है।
सुर्खी वृहद् जलाशय के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए तत्कालीन कलेक्टर एसबी सिंह के नेतृत्व में 8 करोड़ 69 लाख रुपये की परियोजना तैयार की गई थी। कार्ययोजना के तहत चार चारणों में विकास और सौंदर्यीकरण के कार्य होने थे। कार्यकारी एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को नियुक्त किया गया था। सडक़ के किनारे स्थित सुर्खी टैंक के विकास-विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिये 8 करोड़ 59 लाख रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया हैै। परियोजना के प्रथम चरण में 150 लाख रुपए के तालाब पिचिंग एवं बंड रेलिंग के कार्य हो चुके हैं। द्वितीय चरण के कार्य प्रारंभ किये जाने थे। प्रोजेक्ट के तहत सुर्खी जलाशय के सौंदर्यीकरण के कार्य चार चरण में संपादित किये जाने थे। चौथे चरण में सडक़ के किनारे के 2 किलोमीटर लम्बाई में स्टील फेन्सिंग और पेवर ब्लॉक बिछाने की योजना है।
Published on:
20 Nov 2025 08:42 pm

