
कटनी. शहर की जीवनदायनी कटनी नदी में सौंदर्यीकरण के नाम पर नगर निगम द्वारा रिवर फ्रंट का काम कराया जा रहा है। रिवरफ्रंट का काम कटायेघाट, मोहनघाट व मसुरहा घाट पर चल रहा है। कटायेघाट में 559 लाख, मसुरहा घाट में 1.8 करोड़ व मोहनघाट में 75 लाख रुपए की लागत से रिवरफ्रंट का काम हो रहा है। तीनों ही स्थानों पर ठेकेदारों ने गुणवत्ता से जमकर खिलवाड़ किया है, क्योंकि पहली ही बारिश में काम धड़ाम हो गया है। कहीं पर पिचिंग धंस गई है तो कहीं पर कांक्रीट खराब हो गया है।
तीनों ही स्थानों पर मनमाने तरीके से ठेका कंपनियों ने काम कराया है। पेटी पर कटायेघाट में काम चल रहा है, जहां पर सबसे ज्यादा गुणवत्ता की अनदेखी हो रही है। यहां पर पिचिंग के नाम पर औपचारिकता निभाई गई है। हालांकि पिचिंग में कहीं पर भी मानकों का पालन नहीं हुआ। लगभग 8 करोड़ रुपए से अधिक के काम की न तो नगर निगम के जिम्मेदार प्रतिनिधि ठीक से निगरानी कर रहे हैं और ना ही अधिकारी। ठेकेदारों से सांठगांठ के चलते जनता की खून-पसीने से जमा होने वाले टैक्स की जमकर होली खेली जा रही है।

कटायेघाट में हनुमान मंदिर से कटायेघाट मोड़ तक जो कि सीएम की घोषणा में शामिल है। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति 600 लाख रुपए है। निविदा के बाद स्वीकृत राशि 559.84 लाख रुपए है। ठेकेदार आरके शर्मा एंड ब्रदर्श को काम दिया गया है। अनुबंध 19 फरवरी 2024 को हुआ है। यह काम 12 माह में पूरा करना था। मार्च 2026 तक इसे पूरा करने की मियाद अब तय की गई है, लेकिन काम मंथर गति से चल रहा है व गुणवत्ता से जमकर खिलवाड़ हो रहा है। यहां पर पिचिंग के नाम पर पत्थर सिर्फ एक के ऊपर एक जमा दिए गए हैं। कहीं पर जगह पर पिंचिंग बारिश में धंस गई है, कांक्रीट उखड़ गया है। पत्थर ऊपर निकल आए हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं है।

नगर निगम द्वारा वॉटर बॉडी रिज्युविनेशन के अंतर्गत 1.8 करोड़ रुपए की लागत से मोहन घाट में रिवंट फ्रंट का काम कराया जा रहा है। यह ठेका मे. राज कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स को दिया गया है। 2 जनवरी 24 को ठेकेदार से अनुबंध हो गया था। 90 प्रतिशत काम ठेकेदार ने पूरा होना बता दिया है, लेकिन यहां पर भी गुणवत्ता से जमकर खिलवाड़ हुआ है। पत्थरों की पिचिंग व कॉक्रीट में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया गया।
मोहन घाट में 75 लाख रुपए की लागत से नगर निगम द्वारा वॉटर बॉडी रिज्युविनेशन के तहत रिवर फ्रंट का काम कराया गया है। यह काम भी मे. राज कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स द्वारा किया गया है। 2 जनवरी को अनुबंध हुआ था, 12 माह में काम पूरा करना था। यहां पर 100 फीसदी काम हो गया है, लेकिन यहां पर ठेकेदार ने जमकर मनमानी की है। पत्थरों की पिचिंग पहली ही बारिश में कई जगह पर पूरी तरह से धंस गई है। कांक्रीट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। नदी के मुहाने ठीक न करने से पेड़ और मिट्टी बहकर पाथ-वे को क्षति पहुंचाया हैं। घाट के किनारे लगाए गए पेड़ बह गए हैं।

कटायेघाट में रिवरफ्रंट योजना के तहत घाटों का भी सौंदर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण कराया जाना है, लेकिन ठेकेदार द्वारा उसे ठीक से नहीं बनवाया जा रहा है। घाट में सीढिय़ों के स्टेप मानक के अनुसार नहीं बन रहे। गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा।
वर्जन
मोहनघाट व मसुरहा घाट में जो काम हुआ है वह ड्राइंग डिजाइन के अनुसार हुआ है। काम अभी पूरा नहीं हुआ है। लैंप व गार्डन का काम शेष है। जो निर्माण क्षतिग्रस्त हुआ है उसे ठेकेदार से ठीक कराया जाएगा। कटायेघाट में मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत काम चल रहा है। काम गतिमान है। 40 फीसदी काम हुआ है, जहां पर गड़बड़ी हुई है उसे ठीक करा लिया जाएगा।
प्रीति सूरी, महापौर।
Published on:
10 Oct 2025 08:44 pm

