
करौली। राजस्थान के करौली जिले के किसानों के लिए जीवन रेखा माने जाने वाले मामचारी बांध की नहरों में बुधवार को पानी दौड़ पड़ा। सुबह करौली में उपखंड अधिकारी कार्यालय में बांध जल वितरण समिति की बैठक में किए गए निर्णय के बाद दोपहर में बांध से रबी फसल की सिंचाई के लिए नहर में पानी छोड़ा गया।
जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता भवानी सिंह मामचारी बांध, समिति के अध्यक्ष प्रतिनिधि समय सिंह मीणा ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद प्रथम चरण के लिए किसानों की मांग के अनुरूप पानी छोड़ दिया।
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता वीरसिंह जाटव एवं कनिष्ठ अभियंता भवानी सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष किसानों की मांग पर दीपावली के आसपास पानी छोड़ा जाता है। लेकिन इस बार इसी समय हुई बूंदाबांदी-बारिश के चलते किसानों ने फसल सिंचित करने के लिए देर से पानी की मांग की है।
एक सप्ताह के अंदर अंतिम छोर तक पानी पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बांध से तीन अलग-अलग माइनरों के लिए बांध की नहरों से पानी मिलता है। इससे करीब एक दर्जन गांवों के किसान फसल सिंचित करते हैं। करीब 1000 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है।

मामचारी बांध की तीन अलग-अलग माइनर की नहरों से करीब एक दर्जन गांव के किसानों को रबी की फसल सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इनमें बामनपुरा, करसाई, राजौर, बावली, महोली, मढ़ी, मामचारी, कोटा, तरौली,आदि गांव शामिल है।
मामचारी बांध की करीब 12 किलोमीटर लंबी नहरों से लगभग एक हजार भूमि में फसल सिंचित हो सकेगी। सहायक अभियंता वीरसिंह ने बताया कि फसल सिंचाई के लिए 20-20 दिन के चरण में तीन बार पानी नहरों में छोड़ा जाएगा। इसके बाद यदि किसानों की मांग आती है तो और पानी छोड़ा जाएगा। वर्तमान में बांध में 17 फीट पानी है।
Published on:
20 Nov 2025 09:41 am

