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राजस्थान: सरसों और गेहूं की बुवाई को लेकर आई बड़ी खबर, इस बार होगी बंपर पैदावार; जानिए वजह

Rajasthan Farmers News: राजस्थान समेत करौली जिले में इस बार मानसून की खूब मेहरबानी रही। इससे किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है।

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sarson ka khet

Photo- Patrika

Rajasthan Farmers News: राजस्थान के करौली जिले में रबी की फसल के तहत काला सोना (सरसों) की फसल अंकुरित होकर खेतों में लहलहाने लगी है। दूसरी और तापमान के अनुकूल होने से गेहूं की बुवाई ने भी जोर पकड़ा है। एक सप्ताह पहले हुई बारिश के बाद तापमान में गिरावट आने से गुलाबी सर्दी की दस्तक के साथ ही गेहूं की बुवाई के लिए मौसम अनुकूल हो गया है।

इससे किसान तेजी से गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। हालांकि सरसों की बुवाई का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। इस बार नादौती क्षेत्र में खेतों में पानी भरा रहने से सरसों की बुवाई कम हुई है। इस कारण लक्ष्य के मुकाबले जिले में इस बार 80 फीसदी बुवाई हो पाई है।

इस बार जिले में सरसों की बुवाई का लक्ष्य 95 हजार हेक्टेयर रखा गया था, जिसके मुकाबले 80 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हो चुकी है। कृषि विभाग की ओर से जिले में 80 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। इसके मुकाबले अब तक 40 हजार 586 हैक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई हो चुकी है।

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार आमतौर पर गेहूं की बुवाई का समय 25 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच होता है। इस बार एक पखवाड़े पूर्व हुई बारिश से तापमान में गिरावट आने से गेहूं की बुवाई के लिए मौसम अनुकूल होने से किसानों का रुझान अधिक है।

इसके चलते किसान खेतों में पलाव करने के बाद गेहूं की बुवाई कर रहा है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इस बार लक्ष्य से भी अधिक बुवाई होगी। जिले में रबी फसलों में सरसों के साथ गेहूं व चना की बुवाई होती है। किसानों को सरसों से आमदनी होती है। वहीं गेहूं खाने के काम में आता है। इसके बाद गेहूं के भूसे से मवेशियों का पेट भरता है।

मानसून की रही मेहरबानी

इस बार जिले में मानसून की खूब मेहरबानी रही। जिसके चलते बांध, फार्म पौंड, तालाब आदि लबालब भरे हुए हैं। बारिश का लंबा दौर चलने से खेतों में अभी भी नमी बनी हुई है। इससे किसानों को इस वर्ष अच्छी पैदावार की उम्मीद है।

इनका कहना है

इस बार अच्छे मानसून से खेतों में नमी बनी हुई है। इस बार सरसों का 95 हजार हैक्टेयर व गेहूं का 80 हजार हैक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। इस बार जलस्त्रोतों के भरे रहने से गेहूं की बंपर पैदावार होगी।
- वी.डी. शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग करौली