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सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी व मास्टर ट्रेनर को डिजीटल अरेस्ट कर 60 लाख वसूले

- खाता नम्बर के आधार पर केरल से तीन युवक गिरफ्तार

Cyber police station
पुलिस स्टेशन साइबर

जोधपुर.

साइबर ठगों ने इंडियन मुजाहिद्दीन के टॉप लीडर से संबंध बताकर जोधपुर के सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और पुलिस के मास्टर ट्रेनर को डरा धमकाकर इतना दबाव में ला दिया कि उन्होंने ठगों के दो खातों में 60 लाख रुपए जमा करवा दिए। जब राशि नहीं लौटाई तो वयोवृद्ध ट्रेनर को साइबर ठगी का एहसास हुआ। साइबर थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर केरल से तीन युवकों को गिरफ्तार किया, लेकिन इनसे रुपए बरामद नहीं हो पाए हैं।

सूत्रों के अनुसार बीकानेर निवासी सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी जोधपुर में पुलिस विभाग में कमाण्डो के मुख्य ट्रेनर हैं। साइबर ठगों ने उन्हें जाल में फंसाकर गिरफ्तारी कर डर दिखाया और डिजीटल अरेस्ट कर 60 लाख आठ हजार 794 रुपए ऐंठ लिए। ठगों ने दस दिन तक मुख्य ट्रेनर पर गिरफ्तारी का दबाव डाला था और फिर दो दिन में 60 लाख रुपए हथिया लिए थे। साइबर ठगी के बारे में पता लगते ही पीडि़त ने साइबर थाने में एफआइआर दर्ज कराई। मोबाइल नम्बर व बैंक खाता नम्बर के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। बैंक खाते केरल के निकले। पुलिस की विशेष टीम केरल भेजी गई, जहां तलाश के बाद मोहम्मद शफीक, अश्विनीराज और सुनीज को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने आरोपियों को रिमाण्ड पर भी भेजा, लेकिन पुलिस इनसे राशि बरामद नहीं कर पाई।

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बताकर जाल में फांसा

आठ सितम्बर को अनजान नम्बर से ठगों ने पहला कॉल किया था। उनके पास पीडि़त के सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी होने के साथ-साथ पुलिस के मुख्य ट्रेनर होने की जानकारी भी थी। खुद को नेशनल डाटा सेंटर हैदराबाद से बात करना बताकर ठग ने कहा कि पीडि़त के आधार कार्ड से केनरा बैंक में खाता है। इसमें करोड़ों रुपए का लेन-देन और लाखों रुपए कमीशन के मिलने की जानकारी दी थी। फिर उसने क्राइम ब्रांच कोलबा से एक व्यक्ति ने बात की। उसने कहा कि एनआइए ने पीएफआइ लीडर को मनी लॉन्ड्रिंग में पकड़ा है। उसके पास 247 एटीएम कार्ड मिले थे। जिनमें एक कार्ड सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी के नाम से है। यह एटीएम कार्ड इंडियन मुजाहिद्दीन के टॉप लीडर के पास मिला था। इसलिए संदिग्ध बताकर इंफोर्समेंट डायरेक्टेड को खाते में जमा फण्ड सब्मिट करना पड़ेगा। आरबीआइ में सॉफ्टवेयर से जांच की जाएगी।

सहयोग नहीं किया तो तुरंत गिरफ्तार करेंगे

साइबर ठगों ने मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बताया था। इसलिए किसी से भी बात न करने को चेताया। उन्होंने कहा कि यदि वे जांच में सहयोग करेंगे और भूमिका नहीं पाई जाने पर क्लीयर का लेटर दे देंगे। सहयोग न करने पर जांच करने वाली टीम पास ही घूम रही है तुरंत गिरफ्तार कर लिए जाओगे।