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Rajasthan: राजस्थान में नया ‘शहर’ बसाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में, बिजली-पानी पर खर्च होंगे 243 करोड़

पश्चिमी राजस्थान को बड़ा औद्योगिक हब बनाने की दिशा में जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र परियोजना अंतिम चरण में पहुंच गई है।

Jodhpur-Pali-Marwar industrial
डीएमआईसी का रोड मैप, जिसमें जेपीएमआईए को भी दर्शाया गया है। फाइल फोटो- पत्रिका

जोधपुर। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के तहत जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (JPMIA) को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की और इसे पश्चिमी राजस्थान के लिए एक बड़ा अवसर बताया है।

यह राज्य की पहली ऐसी परियोजना होगी, जो 'रेडी टू इन्वेस्ट टाउनशिप' के रूप में विकसित की जा रही है। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार ने संयुक्त कंपनी का गठन भी किया है। परियोजना का स्वरूप किसी साधारण औद्योगिक क्षेत्र का नहीं होगा, बल्कि यह एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगी, जहां उद्योग, व्यापार, आवास और अवसंरचना का एकीकृत मॉडल शामिल होगा। ऐसे में इसे नया शहर भी कहा जा सकता है।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में

रीको और एनआईसीडीसी के संयुक्त उपक्रम राजस्थान इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (रिडको) के माध्यम से यहां कार्य तेजी से चल रहा है। प्रथम चरण के तहत 642 हेक्टेयर में निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

वहीं, फेज-बी के लिए 1086 हेक्टेयर के विस्तार हेतु भूमि अधिग्रहण की सुनवाई पूरी हो चुकी है और भूमि अवाप्ति अवार्ड जारी करने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इसके अलावा फेज-सी के तहत वर्ष 2028 तक 1373 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार प्रस्तावित है। तीनों चरण पूरे होने पर यह परियोजना न केवल पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बनेगी, बल्कि देश के प्रमुख लॉजिस्टिक कॉरिडोर से भी सीधे जुड़ जाएगी।

1200 से ज्यादा औद्योगिक भूखंड

जेपीएमआईए परियोजना के पहले चरण में कुल 1279 औद्योगिक प्लॉट प्रस्तावित हैं। इनमें 435 छोटे, 615 मध्यम और 229 बड़े उद्योग शामिल हैं। उद्योगों को 'रेडी टू इन्वेस्ट' टाउनशिप के साथ बेहतर कनेक्टिविटी, आधुनिक सड़क नेटवर्क, सुचारु बिजली और जलापूर्ति, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक हब जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

पानी और बिजली की व्यवस्था

  • परियोजना के लिए राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल से 48 एमएलडी पानी स्वीकृत किया गया है। इसके लिए 155.85 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • कांकाणी उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति के लिए 87.21 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है।
  • अंडरपास और लॉजिस्टिक हब से संबंधित कार्य वर्तमान में प्रक्रियाधीन हैं।

अच्छी पहल

यह रेडी टू इन्वेस्ट परियोजना कई मायनों में अहम है। जोधपुर ही नहीं, पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट साबित होगा। इससे राज्य में निवेश का माहौल बनेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

  • राजेंद्र मेहता, सचिव, जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन

सुविधा मिलेगी

उद्योग स्थापित करने के लिए दो प्रमुख जरूरतें होती हैं - जमीन और परिवहन। इस परियोजना में दोनों सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही दो नए राष्ट्रीय राजमार्ग भी स्वीकृत हो चुके हैं।

  • सुरेश विश्नोई, प्रांत सचिव, लघु उद्योग भारती

सकारात्मक माहौल

उद्योगों को सकारात्मक माहौल मिलना चाहिए। यह एक अच्छी परियोजना है, जिसे जल्द धरातल पर लागू किया जाना चाहिए। सभी उद्योगों के लिए यह कदम सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

  • उमेश लीला, पूर्व अध्यक्ष, एमआईए