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AIIMS जोधपुर में बड़ी लापरवाही: इमरजेंसी में भर्ती मरीज को चढ़ाया गलत खून, हालत बताई जा रही स्थिर

बताया जा रहा है कि मांगीलाल नाम के दो मरीज अस्पताल में आ गए थे, जिसकी वजह से गफलत हो गई। आधा से अधिक खून चढ़ने पर डॉक्टर पहुंचा और खून से भरे बैग को डस्टबिन में फेंक दिया।

Jodhpur AIIMS
अस्पताल में भर्ती मरीज (फोटो-पत्रिका)

जोधपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में शुक्रवार सुबह इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज को गलत खून चढ़ा दिया गया। आधे से अधिक खून चढ़ चुका था तब डॉक्टर ने पहुंचकर उसे रुकवाया और बचे खून के बैग को निकालकर डस्टबिन में फेंका।

हालांकि, चढ़ाया गया खून बी-पॉजिटिव था, जो मरीज से मैच खाता था। फिर भी कुछ ही देर में मरीज को एलर्जी शुरू हो गई। परिजन के अनुसार उसके पेट पर लाल दाने हो गए और डॉक्टर ने उसे तुरंत अन्य वार्ड में लेकर इलाज शुरू किया। मरीज की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। एम्स ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

अस्पताल में आ गए थे 'मांगीलाल' नाम के दो मरीज

एम्स की इमरजेंसी में डोली कलां निवासी मांगीलाल विश्नोई (50 साल) को मधुमिक्खयों के काटने के कारण भर्ती कराया गया था। इमरजेंसी की एक अन्य लाइन में नागौर के पांचुड़ी कलां निवासी मांगीलाल (80 साल) भी भर्ती था। डॉक्टरों ने 80 साल के मांगीलाल को खून की जरूरत बताई लेकिन कुछ देर बाद अस्पतालकर्मियों ने 50 साल वाले मांगीलाल के परिजन को दो यूनिट खून लाने को कहा।

खून के लिए गांव से बुलाया गया था रिश्तेदार

एम्स में खून के बदले खून मिलता है लेकिन मांगीलाल विश्नोई के पास रक्तदान करने वाला एक ही रिश्तेदार था। दूसरे रिश्तेदार को गांव से बुलाया गया। तब तक एक यूनिट खून लाकर चढ़ाना शुरू किया। कुछ देर में ड्यूटी डॉक्टर पहुंचा और मरीज की फाइल देखकर बोला- 'इसको किसने ब्लड चढ़ाया, हटाओ इसे।' लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

सीआर नम्बर से होती है खून की पहचान

एक ही नाम के कई मरीज हो सकते हैं इसलिए एम्स में मरीजों की पहचान उनके सीआर नम्बर (सेंट्रल रजिस्ट्रेशन नम्बर) से होती है। मांगीलाल के मामले में जल्दबाजी में अस्पतालकर्मी सीआर नम्बर देखना भूल गए और मरीज को गलत खून चढ़ा दिया।

परिजन का आरोप

आधे से अधिक खून चढ़ चुका था तब डॉक्टर पहुंचा। एम्स वाले इस बात को स्वीकार ही नहीं कर रहे थे कि उनसे गलती हो गई है। हमारे मरीज के पेट पर लाल-लाल दाने हो गए। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। हमने रक्तदान करके खून चढ़वाया था, उसको डस्टबिन में फेंक दिया। -गुमानाराम विश्नोई, मांगीलाल विश्नोई का भतीजा

मामले की हो रही जांच

मरीज इस समय स्थिर है। मामले की जांच की जा रही है। -डॉ. जीवन विश्नोई, पीआरओ, एम्स जोधपुर