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Rajasthan: कॉर्पोरेट स्टाइल में ड्रग्स नेटवर्क चलाता था तस्कर, गिरोह में ऑपरेशन चीफ, खुद सेल्स-मार्केटिंग हेड

कमलेश उर्फ कार्तिक ने एमडी फैक्ट्री और सप्लाई के लिए एक सुनियोजित गैंग तैयार की थी। गैंग में हर सदस्य को एक कॉर्पोरेट पद दिया गया।

drug smuggler arrested
एएनटीएफ व एटीएस की गिरफ्त में आरोपी। फोटो- पत्रिका

जोधपुर। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) व एटीएस ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से महज 30 किमी दूर सेड़वा थाना क्षेत्र में गत जुलाई में पकड़ी एमडी ड्रग्स फैक्ट्री के मुख्य सूत्रधार कमलेश बिश्नोई उर्फ कार्तिक पुत्र सदराम बिश्नोई निवासी धोरीमन्ना को पकड़ लिया। उसे जैसलमेर जिले के सांगड़ थाना क्षेत्र में दबिश देकर पकड़ा गया। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम था।

वह कॉर्पोरेट स्टाइल में ड्रग्स नेटवर्क चला रहा था। उसने गिरोह में मार्केटिंग हेड, ऑपरेशन चीफ बना रखे थे। पुलिस महानिरीक्षक (एटीएस) विकास कुमार ने बताया कि अरोपी कमलेश उर्फ शिल्पी उर्फ कार्तिक पूर्व में अवैध हथियारों की तस्करी करता था। फिर उसे एमडी ड्रग्स की लत गई थी व उसने इसकी तस्करी शुरू कर दी थी। वह राजस्थान, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में सजा काट चुका है। उस पर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह सीमावर्ती क्षेत्र में एमडी ड्रग्स का बड़ा चेहरा बना हुआ था। सगा भाई सुरेश भी गैंग में साझेदार रहा है।

हर सदस्य को एक कॉर्पोरेट पद दिया

कमलेश उर्फ कार्तिक ने एमडी फैक्ट्री और सप्लाई के लिए एक सुनियोजित गैंग तैयार की थी। गैंग में हर सदस्य को एक कॉर्पोरेट पद दिया गया। आरोपी रमेश फाइनेंस व समन्वय प्रभारी, मांगीलाल फैक्ट्री हेड, बिरजू टेक्निकल व रिसर्च, शिवा ऑपरेशन चीफ, राजू रॉ मटेरियल व संयंत्र प्रभारी, गणपत सिक्योरिटी इंचार्ज और खुद कार्तिक सेल्स व मार्केटिंग हेड। गैंग के सदस्यों ने पहली फैक्ट्री जोधपुर के कुड़ी इलाके में लगाई गई थी, जो चालू होने से पहले ही पकड़ ली गई। इसके बाद बाड़मेर के सेड़वा क्षेत्र में मांगीलाल के ठिकाने पर दूसरी फैक्ट्री स्थापित की गई, उसे भी शुरू होने से पहले पुलिस ने पकड़ लिया।

एक लाख के इनामी साथी अब भी फरार

कार्तिक ने पुणे जेल में बिरजू शुक्ला से संपर्क कर गैंग बनाई थी। बाद में रमेश और मांगीलाल को भी साथ लिया। मांगीलाल और बिरजू पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जबकि रमेश पर एक लाख और राजू पर 40 हजार रुपए का इनाम है।

20 करोड़ की एमडी सप्लाई की थी योजना

जांच में सामने आया कि फैक्ट्री के लिए मशीन महाराष्ट्र व गुजरात और कैमिकल महाराष्ट्र के महाद क्षेत्र से लाए जा रहे थे। हर तीसरे-चौथे दिन 10 किलो एमडी तैयार कर राजस्थान सहित सीमावर्ती राज्यों में सप्लाई की जानी थी। अनुमानित मासिक सप्लाई की कीमत करीब 20 करोड़ रुपए आंकी गई थी।

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प्रतिद्वंदी गैंग से मिला सुराग

कार्तिक के नेटवर्क की एक प्रतिद्वंद्वी गैंग भी सीमावर्ती इलाके में सक्रिय थी। उसके एक गुर्गे ने एटीएस को महत्वपूर्ण सूचना दी थी। कार्तिक सांगड़ थानान्तर्गत कुड़ी गांव में एमडी के सौदे का हिसाब करने आया था। पहले से मुस्तैद एटीएस ने सुबह दबिश देकर उसे पकड़ लिया। उससे एक लाख रुपए बरामद हुए। जो संभवत: ड्रग्स की बिक्री से प्राप्त हैं।

मप्र के खरगोन में अवैध हथियार सप्लाई

कमलेश उर्फ कार्तिक पहले मध्यप्रदेश के खरगोन इलाके में अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। इस दौरान वह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी गिरफ्तार हो चुका है। पुणे जेल में रहते हुए उसकी मुलाकात अन्य ड्रग्स तस्करों से हुई, जिसके बाद उसने राजस्थान में कॉर्पोरेट मॉडल पर एमडी ड्रग्स नेटवर्क खड़ा किया।