
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में चल रही रामलीला को देखने हर साल दर्शकों की संख्या बढ़ रही है। झुंझुूनूं के चूणा चौक में चल रही रामलीला के आयोजकों का दावा है कि दो साल में दर्शकों की संख्या दो गुनी हो गई है। खास बात यह है दर्शकों में महिलाएं, बुजुर्ग, युवा व बालक सहित सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के बाद से रामलीला के प्रति क्रेज बढ़ा है। दर्शकों की संख्या दो साल में दो गुनी हो गई है। कई लोग तो रामलीला देखने के लिए तय समय से आधा से एक घंटे पहले पहुंच जाते हैं ताकि उनको सीट आसानी से मिल जाए। इसके अलावा दर्शकों की सुख सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग बॉक्स बनाए हैं। कुर्सी व पेयजल की व्यवस्था भी की जा रही है। सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं।
शेखावाटी क्षेत्र के चूरू, सीकर व झुंझुनूं में रामलीला को लेकर जोरदार उत्साह है। सीकर के रामलीला मैदान की रामलीला को काफी चर्चित रहती है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में दर्शक आते हैं। इसी बार बाय का राम-रावण युद्ध काफी चर्चित रहता है। उदयपुरवाटी का रावण दहन भी अनूठा रहता है। इसके अलावा बिसाऊ की अनूठी रामलीला में कलाकार संवाद नहीं करते, यहां लम्बे समय से मूक रामलीला का मंचन किया जाता है।
1956 में जब गांधी चौक में रामलीला शुरू हुई थी। तब तख्तों पर स्टेज तैयार किया जाता था। माइक सिस्टम भी नहीं था। कलाकार खुले में ही तेज आवाज में संवाद करते थे। धीरे-धीरे परिवर्तन हुआ।वर्तमान में तो सबकुछ बदल गया है। स्टेज की हर जरूरत आधुनिक हो गई है।
-दिनेश शर्मा, सचिव, श्री रामलीला परिषद, झुंझुनूं
अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के बाद दर्शकों की संख्या खूब बढ़ी है। राम के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। लीला में दर्शन के साथ पृथ्वी पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के किए गए कार्यों की जानकारी बढ़ती है। युवा पीढी व बालक भी रामलीला देखने के लिए आ रहे हैं। यह शुभ संकेत है। टीवी देखने की बजाय गांधी चौक में रामलीला देखने आ रहे हैं।
- प्रमोद खंडेलिया, अध्यक्ष, श्री रामलीला परिषद झुंझुनूं
गांधी चौक की 70 साल से रामलीला का मंचन हो रहा है। रामलीला में मंगलवार रात रामेश्वरम की स्थापना का मंचन किया गया। स्थापना के बाद राम सेतु का निर्माण किया गया। लंका पर चढ़ाई से पहले बाली पुत्र युवराज अंगद को रावण के पास दूत बनाकर भेजा गया। अंगद और रावण के संवाद ने खूब तालियां बटोरी। अंगद ने लंका का पूरी तरह से गुप्त निरीक्षण किया। रावण ने अंगद को अपनी तरफ मिलाने के लिए लंका का सेनापति बनाने का लालच दिया। जिसे अंगद ने ठुकरा दिया। इस दौरान रामलीला में सहयोग के लिए डॉ. कमलचंद सैनी व आशुतोष मोदी का सम्मान किया गया। इस दौरान मातादीन टिबड़ा, संजय सैनी, सम्पत पुरोहित, अशोक केडिया, रुपेश तुलस्यान, एडवोकेट अनुपम शर्मा, मुकेश व्यास, अशोक शर्मा, रविंद्र कुमावत, कृष्ण कुमार महमिया, रमाकांत मोदी, सुंदर गोयनका आदि उपस्थित रहे।
Published on:
01 Oct 2025 12:47 pm

