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Four Lane Road: राजस्थान में यहां बन रही फोर लेन सड़क, फिर भी हादसों का खतरा, 53 करोड़ हो चुके हैं खर्च

जालोर-बागरा रोड को फोरलेन किया जा रहा है, लेकिन ट्रांसपोर्टरों की मनमर्जी पार्किंग से प्रोजेक्ट की रफ्तार थम गई है। करीब 53 करोड़ खर्च होने के बाद भी ट्रैफिक जोन में हालात वही हैं।

Four Lane Road Project
सड़क निर्माण करते हुए। फोटो- पत्रिका

जालोर। ट्रैफिक रिलीफ और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जालोर-बागरा रोड को टू लेन से फोरलेन में क्रमोन्नत किया जा रहा है, लेकिन इस मार्ग पर हेवी ट्रैफिक एरिया में ट्रांसपोर्टरों की मनमानी व्यवस्था को बिगाड़ रही है। 20 किमी दायरे में से करीब 14 किमी सड़क टू लेन से फोरलेन में क्रमोन्नत हो चुकी है।

भागली टोल से मामा खेड़ा तक के दायरे में ट्रांसपोर्टरों और धर्मकांटों के बाहर मनमर्जी की पार्किंग दिक्कत बढ़ा रही है। यह मार्ग 21.50 मीटर चौड़ा है और बकाया कार्य क्षेत्र में करीब 7 मीटर हिस्से पर मनमर्जी की पार्किंग से कार्य में अड़चन आ रही है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बैठक में इस मुद्दे पर परिवहन विभाग को उचित कार्रवाई के लिए कहा, लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि यह मार्ग नो पार्किंग जोन है।

दिक्कत इस तरह की

मार्ग संकरा होने और लगातार हो रहे हादसों की समस्या के समाधान के लिए इस प्रोजेक्ट को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकृति दी थी। कार्य जारी है। औद्योगिक क्षेत्र तृतीय चरण के बाहर मुख्य मार्ग पर ट्रकों का जमावड़ा रहता है। दोनों ओर भारी वाहनों की पार्किंग से फोरलेन में क्रमोन्नत होने के बाद भी यह मार्ग दो-लेन जैसा ही साबित हो रहा है। सड़क चौड़ी होने के बाद भी ट्रांसपोर्टरों के ट्रकों की पार्किंग से नए हिस्से से एक भी वाहन नहीं गुजर पा रहा है।

क्या यह फोरलेन है?

सबसे अधिक ट्रैफिक लोड वाले क्षेत्र में ही हालात बिगड़े हुए हैं। नो पार्किंग जोन में खड़े ट्रक और ट्रेलर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। मार्ग चौड़ा होने और करीब 53 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी ये हालात प्रोजेक्ट की मंशा पर सवालिया निशान खड़े करते हैं।

अब स्थिति यह बनेगी

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि रोजाना करीब 1 किमी तक डामरीकरण का कार्य हो रहा है। बागरा से शुरू हुआ काम टोल तक पूरा हो चुका है। 16.50 मीटर चौड़े इस फोरलेन मार्ग पर 1.50 मीटर चौड़ा डिवाइडर बनेगा। यह काम औद्योगिक क्षेत्र तृतीय चरण में जल्द ही शुरू होने वाला है। सड़क पर कब्जा किए बैठे ट्रक और ट्रेलर नहीं हटे और वैकल्पिक पार्किंग व्यवस्था नहीं की गई तो आगे काम पूरा होने के साथ हादसे भी बढ़ेंगे।

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इन्होंने कहा

यह सड़क यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए फोरलेन में क्रमोन्नत की जा रही है, लेकिन करीब 2 किमी दायरे में ट्रक और भारी वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं। मीटिंग में भी यह विषय उठाया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है और कार्य प्रभावित हो रहा है।

  • शंकरलाल सुथार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, जालोर

बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी। समस्या के समाधान के लिए एसोसिएशन के साथ संयुक्त बैठक आयोजित कर विकल्प तलाशे जाएंगे। साथ ही पाबंद किया जाएगा कि रोड ट्रैफिक के लिए खुला रहे।

  • ओमप्रकाश चौधरी, डीटीओ, जालोर