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मेहमानों के स्वागत में स्वर्णनगरी का श्रृंगार जोरों पर, सभी चौराहों की ली जा रही सुध

स्वर्णनगरी के लगभग सभी प्रमुख चौराहों की किस्मत बदल रही है। पर्यटन सीजन से ठीक पहले शहर में इन चौराहों के नवनिर्माण का कार्य तेज गति से करवाया जा रहा है।

स्वर्णनगरी के लगभग सभी प्रमुख चौराहों की किस्मत बदल रही है। पर्यटन सीजन से ठीक पहले शहर में इन चौराहों के नवनिर्माण का कार्य तेज गति से करवाया जा रहा है। इन चौराहों के सौन्दर्यकरण से संबंधित क्षेत्र की सुंदरता में इजाफा होने की उम्मीद है। आने वाले कुछ दिनों में हजारों की तादाद में देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन इस सीमांत शहर में होगा। उनके सामने शहर की छवि को चमकाने में नगरपरिषद के साथ नगर विकास न्यास अपनी भूमिका निभा रहा है। सबसे पहले गड़ीसर चौराहा से जोधपुर व बाड़मेर जाने वाले मार्गों से ठीक पहले खम्मा घणी नाम से सर्किल का निर्माण करवाया जा चुका है। उसके थोड़ी-थोड़ी दूरी पर दो अन्य सर्किलों को नए अंदाज में तैयार करवाया जा रहा है। दूसरी ओर पंचायत समिति सम चौराहा व सम मार्ग पर विजय स्तम्भ सर्किल की कायापलट का काम भी प्रगति पर है।

पीले पत्थर की चमक

चौराहों के नवनिर्माण में स्वर्ण के समान चमक बिखेरने वाले जैसलमेरी पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। इसमें कलात्मकता का समावेश किए जाने से सर्किलों का सौन्दर्यकरण हो रहा है। यह सभी सर्किल पर्यटकों की आवाजाही के प्रमुख मार्गों पर आए हुए हैं। इन जगहों से जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले लगभग सभी पर्यटक अनिवार्य रूप से पहुंचते हैं। हालांकि अभी तक सबसे प्रमुख हनुमान चौराहा सर्किल का काम शुरू नहीं करवाया जा सका है। बताया जाता है कि इसकी डिजाइन को फिर से तैयार करवाया जाएगा। ऐसे ही किशनसिंह भाटी बस स्टेंड चौराहा के सर्किल का टेंडर फिर से निकाले जाने की जानकारी है। उसके बाद ही यह काम हाथ में लिया जाएगा। एयरफोर्स चौराहा सर्किल का काम भी अब तक शुरू नहीं हो सका है।

सुविधाजनक हुई सडक़

जैसलमेर घूमने आने वाले अधिकांश सैलानी सम सेंड ड्यून्स की सैर करने अवश्य जाते हैं। सम मार्ग पर पर्यटकों की भारी आवाजाही को ध्यान में रखते हुए इस पूरे मार्ग का दोहरी करण पूरा हो चुका है। जिससे जैसलमेर से सेंड ड्यून्स तक जाने में लगने वाले समय में कमी दर्ज की जा रही है। वहीं सडक़ पहले से सुरक्षित भी हुई है। जैसलमेर के मूमल ट्यूरिस्ट बंगलो से सेंड ड्यून्स की ओर जाने वाले मार्ग के बीच डिवाइडर निर्माण होने से इस मार्ग पर आए दिन होने वाले हादसों में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

इस तरफ भी हो नजरे इनायत

एक ओर शहर के प्रमुख चौराहों के सर्किलों की किस्मत बदली जा रही है, दूसरी तरफ नगर के कई हिस्सों में रात्रि प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो सकी है। वरिष्ठ नागरिक मोहनलाल पुरोहित ने बताया कि गत अर्से लगवाई ऑर्नामेंटल लाइट्स में भी कई फ्यूज हो चुकी हैं या किसी अन्य कारण से बुझी रहती हैं। ट्रेवल एजेंट हरिसिंह के अनुसार गीता आश्रम चौराहा सर्किल के सौन्दर्यकरण का कार्य नहीं करवाया जा रहा है। जबकि यह इलाका भी पर्यटकों के साथ स्थानीय बाशिंदों के लिए कम महत्वपूर्ण नहीं है। यहां कई होटल्स व रेस्टोरेंट्स आदि आए हुए हैं। बड़ी आबादी यहां निवास करती हैं और शहर का यह प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी बन गया है।