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Rajasthan: पाकिस्तानी जासूस ने उगले कई राज, ISI के डिप्टी इंचार्ज से था संपर्क, मोबाइल में मिले चौंकाने वाले सबूत

जैसलमेर में हनीफ खान को बहला गांव से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि सेना, BSF और एयरफोर्स की तस्वीरें और वीडियो ISI को भेजा। उसके मोबाइल और सिम से सबूत मिले हैं।

Pak spy Hanif Khan
Pak spy Hanif Khan

जैसलमेर: भारत-पाकिस्तान की सीमा के पास बहला गांव से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस हनीफ खान ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने भारतीय सुरक्षा बलों की संवेदनशील तस्वीरें और वीडियो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भेजा था। खान पर जासूसी का आरोप है और यह खुलासा पुलिस रिमांड के दौरान हुआ।


पुलिस के अनुसार, हनीफ खान को पांच दिन पहले बहला गांव से गिरफ्तार किया गया था। रविवार को उसे जैसलमेर लाया गया, जहां विशेष टीम ने उसकी पहचान और जांच की। इस टीम का नेतृत्व एसपीएस जयपुर के इंचार्ज इंस्पेक्टर विनोद मीणा ने किया।


व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए भेजा जानकारी


जांच में पता चला कि खान अक्सर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना, एयरफोर्स और BSF के कैंपों के पास जाता और वहां की गतिविधियों का वीडियो व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए भेजता था। उसने स्वीकार किया कि उसने सेना के काफिले, BSF और एयरफोर्स के वाहनों, टावरों, सोलर प्रोजेक्ट्स और हवाई गतिविधियों की जानकारी भेजी। उसके मोबाइल फोन से ऐसे वीडियो और प्रमाण भी बरामद हुए हैं।


ISI के डिप्टी इंचार्ज से था संपर्क


खान का संपर्क पाकिस्तान के रहिमयार खान में ISI के डिप्टी इन-चार्ज कर्नल नदीम से था। उसे भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश मिला था। जांच में पता चला कि उसके पास दो सिम कार्ड थे, जिनमें से एक पाकिस्तान और दूसरा UAE में सक्रिय था।


पुलिस के मुताबिक, खान कई बार पाकिस्तान भी गया था और भारत से उसके और उसके रिश्तेदारों के खाते में रकम जमा की गई। कुछ भुगतान दुकानदारों के जरिए भी किए गए। राजस्थान इंटेलिजेंस के इंस्पेक्टर जनरल विष्णु कांट ने बताया, खान ने नचना, मोहनगढ़ और अन्य जगहों से जानकारी भेजी।


इसके कारण भारतीय सुरक्षा बलों की संचालन गतिविधियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी प्रभावित हुई। फिलहाल, हनीफ खान को चार दिन की पुलिस रिमांड में रखा गया है और जांच जारी है कि उसके जासूसी नेटवर्क का दायरा कितना बड़ा है।