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पटवारियों को मुख्यालय पर रहने का आदेश, भवनों का टोटा

राज्य सरकार की ओर से किसानों को राहत दिलाने के लिए पटवारियों को मुख्यालयों पर रहने के लिए आदेश जारी कर दिए गए है, लेकिन पोकरण विधानसभा क्षेत्र में कहीं भवन क्षतिग्रस्त हालत में है तो कहीं भवनों का ही अभाव है।

राज्य सरकार की ओर से किसानों को राहत दिलाने के लिए पटवारियों को मुख्यालयों पर रहने के लिए आदेश जारी कर दिए गए है, लेकिन पोकरण विधानसभा क्षेत्र में कहीं भवन क्षतिग्रस्त हालत में है तो कहीं भवनों का ही अभाव है। ऐसे में न तो किसानों को राहत मिल रही है और न ही सरकार की मनसा पूरी हो रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 2 वर्ष पूर्व एक आदेश जारी किया गया था, जिसके अंतर्गत प्रदेशभर में कार्यरत पटवारियों व ग्राम विकास अधिकारियों को मुख्यालयों पर रहने के लिए निर्देशित किया गया था। पोकरण विधानसभा क्षेत्र के दो उपखंड क्षेत्रों पोकरण में 29 व भणियाणा में 9 कुल 38 पटवार क्षेत्र है। इनमें से आधे से अधिक भवन जर्जर पड़े है। ऐसे में इन भवनों में पटवारियों का रहना तो दूर काम करना भी मुश्किल हो रहा है।

एक दर्जन भवनों का अभाव

पोकरण व भणियाणा क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों में छह-छह नए पटवार सर्किल बने है। इन भवनों का अभी तक निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में इन पटवारियों को किराए के भवनों में रहना पड़ रहा है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। इसके साथ ही किसानों को भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

अधिकांश भवन क्षतिग्रस्त

पोकरण व भणियाणा क्षेत्र में कुल चार-पांच पटवार भवन ही सही व रहने लायक बने हुए है। कुछ वर्ष पूर्व नई बनी पंचायतों के भवनों में ही पटवारियों के लिए एक कक्ष बनाया गया है। इनके अलावा अन्य ग्राम पंचायत मुख्यालयों व गांवों में स्थित पटवार भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हालत में है। यहां स्थिति यह है कि छतों से पानी टपक रहा है और फर्श उखड़ चुका है। दीवारों में दरारें आ जाने और पत्थर बाहर निकलने के कारण भवन जर्जर हो चुके है, जिनके हर समय गिर जाने और हादसा हो जाने का भय बना रहता है।

किराए के भवन लेना मजबूरी

क्षेत्र के पटवारियों को सरकार की ओर से मुख्यालयों पर रहने के लिए पाबंद किया गया है, जबकि भवनों के अभाव में पटवारियों को किराए के भवन लेकर रहना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है। इसके साथ ही किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में दूर दराज ढाणियों में किराए के भवन नहीं मिलने की स्थिति में पटवारियों को निकटवर्ती ग्राम पंचायत अथवा बड़े गांव या शहर आकर निवास करना पड़ रहा है, जिससे किसानों को अन्यत्र चक्कर लगाने में परेशानी हो रही है।

20 वर्षों से मरम्मत नहीं

राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार पोकरण क्षेत्र में 2005 में पटवार भवनों की मरम्मत व नवनिर्माण का कार्य किया गया था। इसके बाद गत 20 वर्षों से न तो नए भवन बने है, न ही पुराने भवनों की मरम्मत हुई है। ऐसे में पटवारियों का मुख्यालय पर रहना परेशानी से कम नहीं है। जिससे सरकार के आदेशों की भी पालना नहीं हो पा रही है।

फैक्ट फाइल

  • 38 पटवार क्षेत्र है पोकरण विधानसभा में
  • 20 वर्षों से नहीं हुई भवनों की मरम्मत
  • 12 पटवार मुख्यालयों पर भवनों का है अभाव

भिजवा दी सूचना

जिन पटवार मंडलों में भवन नहीं है अथवा भवन क्षतिग्रस्त है, उसकी सूचना जिला प्रशासन की ओर से मांगी गई थी। नए भवनों के लिए जमीन व क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव भिजवा दिए गए है।

  • हजाराराम, तहसीलदार, पोकरण