
देवउठनी एकादशी पर शनिवार को जैसलमेर में आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह तुलसी विवाह के आयोजन हुए, भजन-कीर्तन और मंगल गीतों की स्वर लहरियों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। महिलाओं ने सुहाग की सलामती के लिए व्रत रखा, तो कन्याओं ने सुयोग्य वर की प्राप्ति की कामना की। तुलसी और सालिग्राम के प्रतीकात्मक विवाह का आयोजन परंपरा और विधि-विधान के साथ किया गया। एकादशी के बाद बारस के दिन ब्राह्मण भोजन और पूजन के बाद महिलाएं स्वयं भोजन कर परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना करेंगी।
सोनार दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर, रत्नेश्वर महादेव, मदन मोहन और गिरधारी मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं तुलसी पूजन करती दिखीं। मंदिरों में कथा श्रवण और मंगल गीतों का दौर दिनभर चलता रहा।
शाम ढलते ही शहर दीपमालाओं से जगमगा उठा। कई मंदिरों में तुलसी विवाह की झांकियां सजाई गईं। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का आकर्षक श्रृंगार किया गया। पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ विवाह सम्पन्न कराया और महिलाओं ने विवाह गीत गाकर वातावरण को उल्लासमय बना दिया।
Published on:
01 Nov 2025 08:50 pm

