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Vasundhara Raje: ‘कई लोग बाहर से पतले हैं पर उनमें अंदरूनी चर्बी, जो सबसे ज्यादा खतरनाक’, राजे के बयान से मची खलबली

Vasundhara Raje Statement: राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहती हैं। उनके बयान से प्रदेश की राजनीति भी गरमा जाती है। एक बार फिर ऐसा ही बयान सामने आया है, जिसने राजस्थान की राजनीति में खलबली मचा दी है।

जयपुर

Arvind Rao

Oct 06, 2025

Vasundhara Raje
Vasundhara Raje (Photo-X)

Vasundhara Raje Statement: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि मोटापा दुनिया भर में महामारी का रूप लेता जा रहा है। इसलिए इसे रोकने का प्रयास सिर्फ राजनेताओं को ही नहीं सबको करना चाहिए।


उन्होंने कहा कि कई लोग बाहर से पतले दिखते हैं, लेकिन उनमें अंदरूनी चर्बी है, जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। राजे ने कहा कि वे अपना वजन नहीं बढ़ने देतीं। इसके लिए नियमित व्यायाम, कीटो, एटकिंस, डैश इंटरमिटेंट फास्टिंग, जूस क्लेंज जैसी विधियां अपनाती हैं।


बता दें कि वसुंधरा राजे रविवार को डॉ. अबरीश मित्तल की पुस्तक द वेट लॉस रिवोल्यूशन का विमोचन कर रही थीं। इसी दौरान उन्होंने ये बातें कही। बाहर से पतले दिखने और अंदरूनी चर्बी के बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है। लोगों का मानना है कि राजे के यह बयान राजनीति से जुड़ा है।


राजे के इन बयानों की भी खूब हुई थी चर्चा


पिछले साल राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का एक सोशल मीडिया पोस्ट सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था। राजे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा था, बादल कुछ देर तो सूरज को अदृश्य कर सकते हैं, पर सूर्य की दमक को रोकने का सामर्थ्य उनमें नहीं।


इस पंक्ति को लेकर राजनीतिक हलकों में अटकलें शुरू हो गईं कि राजे ने बिना किसी का नाम लिए अपने भीतर की भावनाएं व्यक्त की हैं। माना गया कि यह पोस्ट पार्टी के भीतर की खींचतान और उपचुनाव परिणामों पर उनकी प्रतिक्रिया का प्रतीक थी।


'आजकल लोग पीठ में छुरा घोंपने में माहिर'


इसी तरह, पिछले साल नवंबर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा अनावरण समारोह में दिया गया उनका बयान भी सुर्खियों में रहा। मंच से बोलते हुए राजे ने कहा था, आजकल लोग पीठ में छुरा घोंपने में माहिर हैं। सांप को चाहे कितना ही प्रेम कर लो, वह अपने स्वभाव के अनुरूप कभी न कभी आप पर जहर उगलेगा ही।


हालांकि, राजे ने यह बात महाराणा प्रताप के शौर्य और विश्वासघात के प्रसंग में कही थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे समकालीन नेताओं पर निशाने के रूप में देखा गया। उनके इस बयान ने पार्टी के अंदरूनी समीकरणों और नेतृत्व की भूमिका पर एक बार फिर बहस छेड़ दी थी।