
BUS STRIKE: परिवहन विभाग के खिलाफ प्रदेशभर में स्लीपर बसों की हड़ताल हो गई है। आज रात से जयपुर में भी बुकिंग काउंटर बंद हो गए है। जैसलमेर व जयपुर में बसों के जलने के बाद आरटीओ की लगातार कार्रवाई के कारण बस मालिकों में हड़कंप मच गया। जिसके चलते परिवहन विभाग की सख्ती पर बस मालिकों का गुस्सा फूट पड़ा और हड़ताल कर दी।
बहरहाल बताया जा रहा है कि हड़ताल में करीब 7 से 8 हजार स्लीपर बसें शामिल है। लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ बस यूनियनों के अनुसार है। हकीकत में स्लीपर बसों का आंकड़ा इससे कम हो सकता है। स्लीपर बसों की हड़ताल के कारण लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, नासिक व अन्य दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों की हड़ताल से परेशानी बढ़ गई है। वहीं अभी भी राजस्थान में 25 हजार से ज्यादा लोक परिवहन और स्टेज कैरिज की बसें सवारियों को लेकर दौड़ रहीं है। जिसकी वजह से स्लीपर बसों की हड़ताल का स्थानीय सवारियों पर ज्यादा असर दिखाई नहीं दे रहा है। सिर्फ बाहरी राज्यों में लंबी दूरी की सवारियों को परेशानी का सामना ज्यादा करना पड़ रहा है।
परिवहन विभाग के खिलाफ बस आपरेटर्स ने मोर्चा खोला है। लेकिन इसमें अब दो फाड़ नजर आ रही है। प्राइवेट बस आपरेटर एसोसिएशन, स्टेज कैरिज, जयपुर के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से सुरक्षा मानकों को देखते हुए जो कार्रवाई की जा रही है। वह सही है। ऐसे में स्टेज कैरिज बसें हड़ताल में शामिल नहीं है और होगी भी नहीं।
वहीं आल राजस्थान कान्टेक्ट कैरिज बस आपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि स्टेज कैरिज भी दो दिन बाद हड़ताल में शामिल होगी। अभी एक दो दिन सावे में बसें लगी हुई है।
इधर, राजस्थान बस आपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि स्टेज कैरिज बसे तीन नवंबर से हड़ताल पर जा सकती है। इसमें कोई दो फाड़ नहीं है। कहने को कोई भी कुछ भी कह सकता है। बस आपरेटर सब एक ही है।
स्लीपर बसों की ओर से प्रदेशभर में हड़ताल की जा रहीं है। लेकिन इसका खासा असर देखने को नहीं मिल रहा है। सिर्फ लंबी दूरी पर दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना ज्यादा करना पड़ रहा है। इसके अलावा राजस्थान में रोडवेज बसों को अतिरिक्त यात्रीभार के लिए लगाया गया है। वहीं स्टेज कैरिज की करीब 25 हजार से ज्यादा बसें अब भी यात्रीभार संभाल रहीं है। ऐसे में हड़ताल का खासा असर नहीं दिख रहा है।
Updated on:
01 Nov 2025 10:49 am
Published on:
01 Nov 2025 10:48 am

