मनीष चतुर्वेदी
जयपुर। राजस्थान में आयुष्मान भारत योजना के तहत संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर परम धनम (जनता क्लिनिक) की निविदा प्रक्रिया विवादों में फंस गई है। जयपुर सीएमएचओ प्रथम के अधीन यह मामला है। संविदा कर्मचारियों को बगैर जानकारी दिए काम से हटा दिया गया और फिर भी उनसे 23 दिन तक काम कराया गया। अब संविदा कर्मचारियों का कहना है कि जब उन्हें सीएमएचओ की ओर से 31 अगस्त को हटा दिया गया था तो फिर 23 सितंबर तक काम क्यों कराया गया।
सीएमएचओ की ओर से हटाने के बाद 10 सितंबर को आदेश जारी किया गया है। जिसमें चार कर्मचारियों को डिफ्टी सीएम दिया कुमारी के कार्यक्रम में ड्यूटी देने के लिए लिखा है। इनमें डॉक्टर व नर्सिंग कर्मचारी शामिल है। ऐसे में जब कर्मचारियों को पहले हटा दिया गया तो बाद में फिर ड्यूटी देने के आदेश कैसे जारी हो गए।
डॉ पवन सैनी का आरोप है कि उन्हें गुमराह किया गया और ड्यूटी कराई गई। यहां तक की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के तहत भी उनकी ड्यूटी लगाई गई। बाद में उन्हें मालूम चलता है कि सीएमएचओ ने तो उन्हें 31 अगस्त को ही हटा दिया था। ऐसे में फिर उनसे ड्यूटी क्यों कराई गई 23 सितंबर तक। अब उनका वेतन कौन देगा। क्योंकि सीएमएचओ तो अब उनकी बात ही नहीं सुन रहे है।
सीएमएचओ डॉ रवि शेखावत ने कहा कि उन्हें मालूम नहीं है कि हटाने के बाद ड्यूटी कैसे लगी है। यह काम सेवा प्रदाता का है। यानी की अक्सा कंस्ट्रक्शन एंड लेबर सप्लायर्स का, जिसने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई। लेकिन अब सीएमएचओ की लापरवाही से कर्मचारियों के 23 दिन का वेतन फंस गया है।
मामले के अनुसार जयपुर प्रथम की ओर से अक्सा कंस्ट्रक्शन एंड लेबर सप्लायर्स और जीएस एंड कंपनी को टैंडर दिया गया है। एक सितंबर 2025 से दोनो कंपनियों ने काम करना शुरू कर दिया है। इससे पहले अमर एसोसिएट प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए कर्मचारी काम कर रहे थे। लेकिन इस बार अमर एसोसिएट ने टैंडर के लिए अप्लाई ही नहीं किया। जिसके चलते उसका टैंडर समाप्त हो गया।
आरोप है कि अक्सा कंस्ट्रक्शन एंड लेबर सप्लायर्स की ओर से अधिकांश पुराने कर्मचारियों को हटा दिया गया है। इनमें मेडिकल आफिसर, फार्मासिस्ट, नर्सिंग आफिसर व अन्य शामिल है। संविदा कर्मचारियों ने सीएमएचओ से मुलाकात की तो उन्हें कहा गया कि वह चिंता नहीं करें और नौकरी करें। इसे लेकर संविदा कर्मचारी नौकरी करते रहें। 24 सितंबर को जब जनता क्लिनिकों पर दूसरे कर्मचारी आने लगे तो विवाद शुरू हुआ। कर्मचारियों को मालूम चला कि उन्हें सीएमएचओ की ओर से 31 अगस्त को ही कार्य मुक्त कर दिया गया है। उनके साथ धोखा हो गया है।
सवाल : अमर एसोसिएट प्लेसमेंट एजेंसी में संविदा कर्मचारियों को कब हटाया गया।
जवाब : 31 अगस्त को उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया था। उसके बाद उनकी सेवाएं नहीं ली गई।
सवाल : संविदा कर्मचारियों ने तो 23 सितंबर तक काम किया है। आप का कहना है कि आपको मालूम नहीं।
जवाब : मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है, हमने तो हटा दिया था।
सवाल : हटाने के बाद डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में ड्यूटी कैसे लगाई जा सकती है।
जवाब : यह काम सेवा प्रदाता का है। जो वह जानकारी देते है, उसके आधार पर ड्यूटी लगती है।
सवाल : सेवा प्रदाता आपके अंडरटेकिंग काम करती है, फिर आपने गलती क्यों की।
जवाब : मैंने कोई गलती नहीं की है, सेवा प्रदाता ने किया है जो किया है।
सवाल : फिर गलती सेवा प्रदाता करने वाली अक्सा कंस्ट्रक्शन की है क्या।
जवाब : नहीं, गलती उसकी भी नहीं है।
Updated on:
01 Oct 2025 08:16 pm
Published on:
01 Oct 2025 08:11 pm