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Social Justice: राजस्थान में एससी/एसटी अत्याचार मामलों में बड़ी गिरावट, जानें कैसे

New Criminal Laws: दो वर्षों में 28.23% कमी, पुलिस की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का असर, नए कानूनों के तहत 60 दिन में निस्तारण, जांच समय 124 दिन से घटकर 75 दिन।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Dec 05, 2025

Rajasthan Police

राजस्थान पुलिस (फोटो-पत्रिका)

SC/ST Atrocities: जयपुर. राजस्थान में समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के विरुद्ध होने वाले अपराधों को लेकर पुलिस की संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई अब सकारात्मक परिणाम दे रही है। राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस द्वारा नए आपराधिक कानूनों का कठोरता से क्रियान्वयन और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाए जाने से एससी/एसटी अत्याचार मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
राज्य पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि सीसीटीएनएस के आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 की तुलना में नवंबर 2025 में एससी/एसटी अत्याचार से जुड़े कुल प्रकरणों में 28.23 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, नवंबर 2024 की तुलना में 2025 में 17 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। यह उपलब्धि राज्य पुलिस की कठोर निगरानी, त्वरित एफआईआर पंजीकरण, और प्रभावी अन्वेषण की रणनीति का परिणाम है।
आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 में जहां 10,273 प्रकरण दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या घटकर 7,373 रह गई। इसी प्रकार वर्ष 2024 में 8,883 मामलों की तुलना में 2025 में 7,373 प्रकरण दर्ज हुए। यह कमी स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि शिकायतकर्ता अब अधिक विश्वास के साथ पुलिस से संपर्क कर रहे हैं और अपराध नियंत्रण में ठोस प्रगति हो रही है।

डीजीपी शर्मा ने बताया कि त्वरित जांच के कारण अन्वेषण की औसत अवधि वर्ष 2023 के 124 दिन से घटकर 2024 में 109 दिन और वर्ष 2025 में केवल 75 दिन रह गई है। यह गति नए आपराधिक कानूनों के तहत 60 दिवस में निस्तारण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हासिल की गई है।

पुलिस ने हत्या, बलात्कार, अपहरण, गंभीर चोट और एससी/एसटी अत्याचार जैसे गंभीर अपराधों पर विशेष निगरानी रखी है। त्वरित अनुसंधान और कड़ाई से कानून लागू किए जाने से अपराध दर में कमी आई है, जो कमजोर वर्गों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।