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RPSC Exam: आरपीएससी का दावा, 7 लेयर सुरक्षा व्यवस्था में रहते हैं प्रश्न-पत्र, अफवाह फैलाने वालों पर होगी सख्ती

Question Paper Leak Rumor: आयोग ने प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा के लिए सात स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लागू की है। इस व्यवस्था के तहत प्रश्न-पत्रों को पहले पारदर्शी पॉलीपैक में पैक किया जाता है, फिर 24-24 सेट को अपारदर्शी पैकेट में सील कर मेटल बॉक्स में रखा जाता है।

जयपुर

Rajesh Dixit

Sep 08, 2025

RPSC Exam
राजस्थान लोक सेवा आयोग (फोटो- पत्रिका)

RPSC question paper security: जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) अध्यक्ष यू आर साहू ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में परीक्षा आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रश्न-पत्र खुला मिलने जैसी अफवाहें निराधार हैं और इस तरह की बातें फैलाने वाले अपने निहित स्वार्थों के कारण ऐसा करते हैं।

अध्यक्ष साहू ने बताया कि वर्ष 2023 से आयोग ने प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा के लिए सात स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लागू की है। इस व्यवस्था के तहत प्रश्न-पत्रों को पहले पारदर्शी पॉलीपैक में पैक किया जाता है, फिर 24-24 सेट को अपारदर्शी पैकेट में सील कर मेटल बॉक्स में रखा जाता है। इन बॉक्स पर नम्बर लॉक, गम पेपर सील, सिक्योरिटी स्ट्रिप और प्लास्टिक लेमिनेशन जैसी सुरक्षा परतें चढ़ाई जाती हैं। परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही केन्द्राधीक्षक को मोबाइल पर नम्बर लॉक का कोड भेजा जाता है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है और उस दौरान कुल 9 जिम्मेदार लोग, जिनमें दो परीक्षार्थी भी शामिल होते हैं, पैकेट की सुरक्षा की पुष्टि करते हैं।

साहू ने बताया कि अगर किसी स्तर पर कोई विसंगति पाई जाती है तो उसे तुरंत आयोग तक पहुंचाया जाता है। परीक्षा कानून-2022 (संशोधित 2023) के तहत ऐसी स्थिति में दोषी की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रश्न-पत्र के लीक होने की संभावना नगण्य है, क्योंकि रिवर्स ऑडिट से हर गड़बड़ी की तुरंत पहचान की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि आयोग ने प्रश्न-पत्रों पर विशेष गोपनीय सुरक्षा इंतजाम भी किए हैं, जिनसे किसी भी प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र की पहचान तुरंत संभव है।

साहू ने एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 7 सितंबर को जोधपुर में वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी ने प्रश्न-पत्र पैकेट खुला मिलने की अफवाह फैलाई थी। जांच में सामने आया कि वह अभ्यर्थी गुढ़ामलानी, बाड़मेर का निवासी है और उसे ड्रेस कोड का पालन न करने पर रोका गया था। इसी नाराजगी में उसने झूठा प्रचार किया। वास्तविकता यह थी कि प्रश्न-पत्र का पैकेट उसी अभ्यर्थी व दो अन्य परीक्षार्थियों की मौजूदगी में ही खोला गया था।

आयोग ने उस अभ्यर्थी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उसने किस उद्देश्य से अफवाह फैलाई। अध्यक्ष साहू ने परीक्षार्थियों और आमजन से अपील की कि वे अफवाहों से भ्रमित न हों और आयोग की पुख्ता व्यवस्थाओं पर विश्वास रखें।


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