
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार को उस समय तनाव का माहौल बन गया, जब परीक्षा परिणामों और मूल्यांकन प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में जुटे छात्रों पर पुलिस ने लाठी-चार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारी छात्र नोटों की माला पहनकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों का आरोप है कि 'नॉट प्रमोटेड' और री-इवैल्युएशन प्रक्रियाओं के नाम पर बड़ी धांधली की जा रही है, जिसके खिलाफ जवाब मांगने पर प्रशासन ने संवाद की बजाय बल प्रयोग का रास्ता चुना।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने एडमिन ब्लॉक और कुलपति कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और कई छात्र भवन की छत पर भी चढ़ गए। प्रदर्शन को काबू में करने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया, जिसमें आधा दर्जन छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। छात्र नेताओं का कहना है कि विश्वविद्यालय की गलतियों पर सवाल उठाना अपराध बन गया है। उनका आरोप है कि जब भी छात्र किसी अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाते हैं, पुलिस प्रशासन विश्वविद्यालय की ढाल बनकर खड़ा हो जाता है और छात्रों को दबाने की कोशिश करता है।
छात्रों का दावा है कि सेमेस्टर एग्जाम की कॉपी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने पर अतिरिक्त और अवैध राशि वसूली जा रही है, लेकिन इन मुद्दों की जांच करने के बजाय शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले छात्रों के साथ बदसलूकी और हिंसा की गई। छात्रों ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विरोध दर्ज कराना यदि गलत माना जाएगा, तो फिर छात्रों के अधिकारों और स्वतंत्रता का क्या अर्थ रह जाता है?
लाठीचार्ज के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस पूरे घटनाक्रम में छात्र नेता कमल चौधरी सहित छह से अधिक छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिसके बाद छात्र संगठनों ने कार्रवाई के खिलाफ और तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
Updated on:
19 Nov 2025 03:46 pm
Published on:
19 Nov 2025 03:41 pm

