
जयपुर: राजस्थान की सड़कें जानलेवा बनती जा रही हैं। साल 2022 में जहां सड़क हादसों से 7,292 लोगों ने दम तोड़ा। वहीं, साल 2023 में यह संख्या बढ़कर 11,932 हो गई। एक ही साल में 4,640 अधिक मौतों के साथ यह वृद्धि 62 प्रतिशत तक दर्ज की गई।
आंकड़ों में सामने आया कि हर 44 मिनट में एक व्यक्ति ने सड़क पर अपनी जान गंवाई। सड़क सुरक्षा के प्रयासों के बावजूद यह आंकड़े चिंताजनक हैं। साल 2023 में 24,861 सड़क हादसों में 23,268 लोग घायल हुए, जबकि मौत का आंकड़ा करीब 12 हजार पहुंच गया।
राजधानी जयपुर की स्थिति भी गंभीर है। यहां साल 2023 में दुर्घटनाओं के 2,914 मामले दर्ज हुए। यानी हर दिन 8 हादसे। इनमें 2,333 लोग घायल हुए और 848 लोगों ने जान गंवाई। साल 2022 में राजस्थान में 23,614 मामले दर्ज हुए। 21 हजार 689 लोग घायल हुए। आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि कई हादसे सड़क संसाधनों की कमी और पार्किंग के दौरान हुई लापरवाहियों के कारण भी हुए।
पूरे वर्ष के 365 दिन और 24 घंटे के हिसाब से देखा जाए तो राजस्थान में औसतन हर दिन करीब 68 हादसे हुए यानी हर घंटे लगभग 2.8 दुर्घटनाएं हुई। राज्य सरकार ने भले ही सड़क सुरक्षा के लिए हेलमेट जागरूकता, सीट बेल्ट अभियान जैसे कदम उठाए हों, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि जमीनी स्तर पर इनका प्रभाव अपेक्षित नहीं रहा है। अधिकांश हादसों में बिना हेलमेट, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, ओवर लोडिंग, नशे में वाहन चलाना बड़े कारण रहे।
Updated on:
02 Oct 2025 10:03 am
Published on:
02 Oct 2025 10:01 am

