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कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमे के आदेश, पत्नी को दिखाने के बहाने मां से ली थी MF हुसैन की पेंटिंग, नहीं लौटाई

दिल्ली की विशेष अदालत ने एमएफ हुसैन की पेंटिंग नहीं लौटाने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा, पेंटिंग वापस न करना आपराधिक विश्वासघात है। मामला 25 नवंबर को ट्रायल कोर्ट में सुना जाएगा।

जयपुर

Arvind Rao

Nov 13, 2025

Bhanwar Jitendra Singh
Bhanwar Jitendra Singh (Patrika Photo)

जयपुर: दिल्ली की एक विशेष अदालत ने एमएफ हुसैन की करोड़ों की पेंटिंग नहीं लौटाने के मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट का आदेश रद्द कर पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा है। शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों 25 नवंबर 2025 को ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे।

आदेश रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि बार-बार कहने के बावजूद आरोपी का पेंटिंग वापस न करना, झूठे आश्वासन देना और अंतत: लौटाने से इनकार करना आपराधिक विश्वासघात है। भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात के अपराध में कार्रवाई शुरू करने के लिए प्राथमिक तौर पर पर्याप्त आधार मौजूद हैं।

बता दें कि एमएफ हुसैन की एक करोड़ रुपए से अधिक कीमत की एक पेंटिंग भंवर जितेंद्र सिंह ने अपनी मां से उधार ली, लेकिन वापस नहीं की। इस बारे में रोहित सिंह महियारिया ने शिकायत दर्ज कराई थी।

मार्च में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप वाली शिकायत खारिज कर दी थी, जिसे अपील के जरिए चुनौती दी गई थी। विशेष अदालत ने मामला ट्रायल कोर्ट को लौटाते हुए आदेश दिया कि कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाए।

अदालत ने अपने आदेश में कहा

रोहित सिंह महियारिया की शिकायत पर दर्ज मामले में अदालत ने कहा, रिकॉर्ड से प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि आरोपी पर IPC की धारा 406 के तहत मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार हैं। रोहित ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2014 में भंवर जितेंद्र सिंह ने उनकी मां, जो पूर्व सांसद हैं, से एमएफ हुसैन की पेंटिंग अपनी पत्नी को दिखाने के बहाने उधार ली थी, जिसे अब तक वापस नहीं किया गया।

कोर्ट ने माना कि निचली अदालत का यह निष्कर्ष कि पेंटिंग उपहार में दी गई थी, तथ्यों के विपरीत और अस्थिर है। इसलिए स्पेशल कोर्ट ने मामला दोबारा विचार के लिए ट्रायल कोर्ट को भेजते हुए निर्देश दिया कि वह इस पर कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करे।