
Rajasthan News: बीती रात राजस्थान की नौकरशाही में भूचाल आ गया है। राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत का अचानक दिल्ली ट्रांसफर हो गया है। 1991 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पंत को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति वर्तमान सचिव अमित यादव (1991 बैच, एजीएमयूटी कैडर) के रिटायरमेंट के बाद प्रभावी होगी।
सुधांश पंत ने राज्य के मुख्य सचिव का पद अपने रिटायरमेंट के 13 माह पहले ही छोड़ दिया, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति फरवरी 2027 में निर्धारित है। इस फैसले ने प्रशासनिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू कर दिया है- क्या यह केंद्र-राज्य समन्वय की मजबूती का संकेत है या फिर राज्य सरकार के भीतर कुछ असंतोष का परिणाम?
दरअसल, सुधांश पंत ने 1 जनवरी 2024 को राजस्थान के मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाला था। पूर्व मुख्य सचिव उषा शर्मा के रिटायरमेंट के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली से राजस्थान कैडर में वापस भेजा था। सुधांश पंत ने भजनलाल शर्मा सरकार के गठन के साथ नई टीम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने वित्तीय स्थिरता, केंद्र-राज्य समन्वय और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया। लेकिन इस ट्रांसफर के बाद राज्य में नई मुख्य सचिव की दौड़ तेज हो गई है।
आधिकारिक तौर पर यह नियुक्ति सामाजिक न्याय मंत्रालय में रिक्त पद भरने के लिए बताई जा रही है। लेकिन गलियारों में फुसफुसाहट है कि पंत का दिल्ली लौटना उनकी केंद्र सरकार से निकटता का नतीजा है। पंत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी अफसर माना जाता है। वे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं, जहां कोविड प्रबंधन में उनकी भूमिका सराहनीय रही।

कहा जा रहा है कि सुधांशु पंत अपनी अनदेखी से काफी नाराज थे। ट्रांसफर और पोस्टिंग में उनके पसंदीदा अधिकारियों को जगह नहीं दी जा रही थी। उदाहरण के तौर पर, उनकी सिफारिश पर जहां अधिकारियों को तैनात करने की बात होती थी, वहां उन्हें नहीं लगाया जाता। हाल ही में डेपुटेशन पर आए एक IPS अधिकारी को भी उनकी पसंद के मुताबिक पोस्टिंग नहीं मिली।
जानकारी के मुताबिक, ये भी कहा जा रहा है कि मुख्य सचिव सुधांशु पंत को दरकिनार कर विभागीय महत्वपूर्ण फाइलें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात IAS अधिकारी के पास भेजी जा रही थीं। जानकार बताते हैं कि सामान्यतः विभागीय फाइलें मुख्य सचिव के माध्यम से ही CMO तक पहुंचती रही हैं।
इसके अलावा जून 2025 में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आलोक गुप्ता का तबादला होने के बाद से पंत को साइडलाइन कर दिया गया था। इसके बाद महत्वपूर्ण फैसले CMO में तैनात IAS अधिकारी लेने लगे। दोनों के बीच अनबन की खबरें भी समय-समय पर सामने आती रहीं, हालांकि यह कभी खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया गया।
बताते चलें कि पिछली अशोक गहलोत सरकार में पंत का तीन महीनों में तीन बार ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद वे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन बने। क्या वर्तमान सरकार में भी कोई असहमति थी? यह सवाल अनुत्तरित है। 2013 में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भी मुख्य सचिव राजीव महर्षि का दिल्ली ट्रांसफर हुआ था। पंत का मामला दूसरा ऐसा उदाहरण है।
इसके बाद सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है। एक्स पर यूजर्स पूछ रहे हैं कि 13 महीने पहले रिटायरमेंट क्यों? क्या सब कुछ ठीक नहीं चल रहा?
सुधांश पंत का जन्म 14 फरवरी 1967 को लखनऊ में हुआ। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक करने के बाद 1991 में राजस्थान कैडर में आईएएस बने। उनका करियर विविधता से भरा रहा-
1993: एसडीएम जयपुर से शुरुआत।
1990 के दशक: जिला कलेक्टर जैसलमेर और झुंझुनू।
2000 के दशक: जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) आयुक्त; कृषि विभाग आयुक्त; भीलवाड़ा और जयपुर कलेक्टर।
2010 के दशक: वन एवं पर्यावरण विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी; स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव (दिल्ली प्रतिनियुक्ति)।
2022: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में पूर्ण सचिव।
2024: राजस्थान मुख्य सचिव (अतिरिक्त: राज्य खान एवं खनिज निगम चेयरमैन)।
सुधांश पंत ने हमेशा विकास और समन्वय पर फोकस किया। दिल्ली में उनके कार्यकाल में स्वास्थ्य योजनाओं का विस्तार हुआ, जबकि राजस्थान में उन्होंने बजट उपयोगिता और केंद्र की योजनाओं को गति दी। इस ट्रांसफर से राजस्थान ब्यूरोक्रेसी में नई ऊर्जा की उम्मीद है। नया मुख्य सचिव कौन बनेगा, यह जल्द स्पष्ट होगा। फिलहाल, पंत का जाना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
Updated on:
11 Nov 2025 01:08 pm
Published on:
11 Nov 2025 12:54 pm

