
Jaipur Foundation Day: जयपुर आज 299वें स्थापना दिवस का जश्न मना रहा है। यह दुनिया का पहला सुनियोजित शहर है, जहां पहले नक्शा बनाया गया। 18 नवंबर 1727 को नींव रखी गई और शुभारंभ सूर्य मंदिर से हुआ। शहर को 'सवाया' बनाने के लिए आठ की जगह नौ चौकड़ियां बनाई। स्थापना दिवस पर आपको बता रहे हैं जयपुर से जुड़ी जो इस शहर की ऐतिहासिक विरासत को और भी जीवंत बनाती हैं।
शुरुआत में लोग द्रव्यवती नदी का पानी पीते थे। नाहरी का नाका में अमानीशाह बाबा की दरगाह के पीछे आमेर और किशनबाग की पहाड़ियों से पानी बहकर आता था। 1981 की बाढ़ के बाद मजार बांध बना, जहां से पानी चांदपोल के पास सरस्वती कुंड में भरता था।

पहले इंपीरियल बैंक की रकम रोज शाम को त्रिपोलिया दरवाजे के नीचे बनी सुरंग से सिटी पैलेस पहुंचती थीं। वहां कपड़द्वार नामक खजाने में इसे रखा जाता। सुबह बैंक खुलने पर रकम फिर उसी सुरंग से लौटाई जाती थी।

सवाई जयसिंह ने नगर सुरक्षा के लिए नाहरगढ़ किले का निर्माण करवाया। उस समय इसकी लागत तीन लाख रुपए आई थी। इसे पहले सुदर्शनगढ़ कहा जाता था।

आमेर महल में विशेष जल शुद्धिकरण कक्ष बना था। छत पर बने हौद में मावठा से पानी चढ़ाया जाता और पाइप लाइनों से शुद्धिकरण कक्ष में पहुंचाते।

एमआइ रोड स्थित पांच बत्ती को पहले ठोलिया सर्कल कहा जाता था। 1942-46 के बीच मिर्जा इस्माइल ने एमआइ रोड बनवाया। नगर सेठ बंजीलाल ठोलिया की इमारतों के कारण इसका नाम ठोलिया सर्कल पड़ा।
मिर्जा इस्माइल ने चारदीवारी के बाहर पांच कॉलोनियां विकसित की। इनमें से एक अशोक नगर था, जो आज सी-स्कीम कहलाता है। उसी समय स्टेच्यू सर्कल बना।

न्यू गेट का निर्माण अभियंता दुर्गालाल की देखरेख में हुआ। ज्योतिषाचार्यों ने इसे वास्तु दोषयुक्त बताया। दोष निवारण के लिए दरवाजे के दोनों ओर पिंजरों में शेर रखे गए।
अजमेरी गेट स्थित पुलिस यादगार इमारत का उद्घाटन 19 नवंबर 1912 को वायसराय लार्ड हार्डिंग्स ने किया। उन्होंने सोने की चाबी से मुख्य द्वार का ताला खोला।

अकाल राहत कार्यों के तहत अल्बर्ट हॉल का निर्माण हुआ। मिस्त्री चंदर और तारा ने अंग्रेज इंजीनियर स्वींटन जैकब की देखरेख में बनाया। सवाई रामसिंह द्वितीय ने प्रजा को रोजगार देने के लिए यह कार्य करवाया।
Updated on:
18 Nov 2025 11:41 am
Published on:
18 Nov 2025 09:13 am

