
जयपुर। राज्य के तीन जिलों बारां, डूंगरपुर और ब्यावर में एक ही दिन में भ्रष्टाचार की तीन तस्वीरें सामने आई हैं। तीनों मामलों में शिकायतकर्ताओं ने साहस दिखाया, एसीबी ने कार्रवाई की और आरोपी रंगे हाथों पकड़े गए।
बारां में राशन कार्ड में नाम सुधारने के लिए ग्राम पंचायत प्रशासक और दलाल ने रिश्वत ली। डूंगरपुर में पटवारी ने जमीन नामांतरण के लिए रिश्वत ली। ब्यावर में ग्राम विकास अधिकारी ने मानदेय दिलाने के बदले छह हजार की घूस मांगी।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को ग्राम पंचायत खेडला जागीर के प्रशासक सूरजमल मालव और दलाल रामकल्याण मेघवाल को 12 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। टीम ने यह कार्रवाई राशन कार्ड में नाम सही करवाने और प्रधानमंत्री आवास की किस्त को खाते में जमा कराने की एवज में मांगी गई रिश्वत के मामले में की।

एसीबी ने भू-नामांतरण के लिए रिश्वत लेते पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। गामड़ा ब्राह्मणिया निवासी परिवादी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी गांव में पैतृक जमीन है। जमीन में उसका व बहन का संयुक्त नाम है। भूमि में बहन की जगह मां के नाम से नामांतरण करना था। इस पर पटवारी हेमंत बुनकर ने दस हजार रुपए की रिश्वत मांगी। एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन सही पाया।
पटवारी ने मंगलवार को रिश्वत की राशि लेकर परिवादी को एक होटल में बुलाया। परिवादी मौके पर पहुंचा और पटवारी को पांच हजार की रिश्वत ली। इस पर टीम ने पटवारी को गिरफ्तार किया।

एसीबी की टीम ने ग्राम पंचायत सरमालिया के ग्राम विकास अधिकारी को छह हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश कुमार ने की-मैन से उसका दो माह का बकाया मानदेय जमा करवाने के एवज में रिश्वत ली थी। जुलाई व अगस्त माह का मानदेय 24 हजार रुपए बकाया चल रहा था। इसकी एवज में ग्राम विकास अधिकारी प्रतिमाह तीन हजार के हिसाब से दो माह के छह हजार रुपए की मांग कर रहा है। शिकायत की पुष्टि होने के बाद एसीबी टीम ने आरोपी को छह हजार की रिश्वत राशि लेते पकड़ा।
Published on:
17 Sept 2025 08:38 am

