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खुशखबरी: छत बनेगी कमाई का जरिया, सोलर बिजली पर अब और ज्यादा मिलेगा पैसा

राजस्थान में रूफटॉप सोलर पैनल लगाने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है।

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सोलर पैनल। फोटो: पत्रिका

जयपुर। रूफटॉप सोलर पैनल लगाने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है। रूफटॉप सोलर पैनल के जरिए बिजली उत्पादन कर डिस्कॉम को सप्लाई करने के बदले उन्हें 25 प्रतिशत ज्यादा भुगतान मिलेगा, जो करीब 55 पैसे प्रति यूनिट होगा। डिस्कॉम्स ने सोलर एनर्जी के फीड-इन टैरिफ रेट (नेट मीटरिंग) में भुगतान दर 2.71 रुपए से बढ़ाकर 3.26 प्रति यूनिट कर दी है। यानी अब जो उपभोक्ता अपने घरों में सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन करते हैं और अतिरिक्त बिजली ग्रिड को देते हैं, उन्हें पहले से ज्यादा दर पर भुगतान किया जाएगा। इसी तरह नेट बिलिंग के उपभोक्ताओं के लिए दर भी 3.04 रुपए से बढ़ाकर 3.65 रुपए यूनिट की गई है।

अभी 1.36 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के 1773 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल लगे हुए हैं, जिन्हें तत्काल इसका फायदा मिलेगा। नए जुड़ने उपभोक्ताओं के लिए भी यह लागू होगा। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के निर्धारित रेगूलेशन की पालना में डिस्कॉम्स ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। अफसरों का दावा है कि इससे लोग छतों का उपयोग सोलर पैनल लगाने की तरफ तेजी से बढ़ेंगे।

इसलिए बढ़ी भुगतान दर

आयोग ने रेगूलेशन जारी किया हुआ है। इसके तहत अक्षय ऊर्जा खरीद की उस वर्ष जो भी बिडिंग रेट आएगी, उसमें 25 प्रतिशत राशि जोड़ी जाएगी। अभी बिडिंग रेट 2.61 रुपए प्रति यूनिट आई है और इसमें 25 प्रतिशत राशि जोड़ने पर 3.26 रुपए यूनिट भुगतान दर हो जाएगी।

अभी तीसरा नम्बर, पहले नम्बर पर है आना

  1. गुजरात- 5899 मेगावाट
  2. महाराष्ट्र- 4087 मेगावाट
  3. राजस्थान- 1773 मेगावाट

रूफटॉप सोलर से जुड़े डिस्कॉमवार उपभोक्ता

-48207 उपभोक्ता जयपुर डिस्कॉम में
-39829 उपभोक्ता अजमेर डिस्कॉम में
-47036 उपभोक्ता जोधपुर डिस्कॉम में

इस तरह फायदे का दावा

-बिजली के बिल में कमी
-खाली जगह का ज्यादा से ज्यादा उपयोग
-सौर ऊर्जा उत्पादन में जन सहभागिता को बढ़ावा
-प्रदूषण में कमी लाना
-कार्बन उत्सर्जन कम करना

500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के भू-खंडों पर अनिवार्य

बिल्डिंग बायलॉज में 500 वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के आवासीय भवन, इमारतों में सोलर पैनल लगाना अनिवार्य है। इसमें अस्पताल, होटल-मोटल, रिसोर्ट, धर्मशाला, अतिथि गृह, छात्रावास, सामुदायिक केंद्र भी शामिल हैं। इसके दायरे में प्रदेश के करीब 5 लाख भवन, इमारत हैं। सोलर पैनल नहीं लगाने पर 50 से 100 रुपए प्रति वर्गमीटर की पेनल्टी भी है, लेकिन ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है, जिससे पता लगा सकें कि कितने लोगों के पेनल्टी लगी।