
Nagar Nigam In Jaipur: जयपुर। राजधानी जयपुर के दोनों नगर निगमों का कार्यकाल 9 नवंबर को पूरा हो जाएगा। ऐसे में 10 नवंबर से जयपुर नगर निगम अस्तित्व में आ जाएगा। एक निगम बनने से प्रशासनिक ढांचे में पूरी तरह बदलाव हो जाएगा। दोनों निकायों की ओर से राज्य सरकार को कैडर रिव्यू कर प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसमें निगम आयुक्त के अलावा तीन अतिरिक्त आयुक्त बनाने का सुझाव दिया गया है।
इनमें एक आइएएस और दो आरएएस अधिकारी होंगे। इसके अलावा मुख्य अग्निशमन अधिकारी के ऊपर एक वरिष्ठ मुख्य अग्निशमन अधिकारी का पद सृजित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि, अभी इस प्रस्ताव पर राजस्थान सरकार ने मुहर नहीं लगाई है। प्रस्ताव में संशोधन भी किया जा सकता है। 10 नवंबर से एकीकृत जयपुर नगर निगम अस्तित्व में आ जाएगा और संभागीय आयुक्त प्रशासक के तौर पर कार्यभार संभालेंगे।
1. पुराने दोनों निगमों के 14,441 स्वीकृत पदों में से 56 पद समाप्त किए गए हैं और 118 नए पद जोड़े गए हैं। यानी कुल पदों की संख्या अब 14,503 का प्रस्ताव भेजा गया है।
2. दोनों निगमों में पहले से मौजूद कई छोटे स्तर के पदों में कमी की गई है। बेलदार, भिश्ती, ड्राइवर, माली, गजधर, कोऑर्डिनेटर लिपिक जैसे पदों में कटौती हुई है।
3. कई पदों पर लंबे समय से कर्मचारी नहीं होने के कारण इन्हें अनावश्यक मानते हुए समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
4. निगम सीमा क्षेत्र विस्तार और वर्कलोड बढ़ने को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यूडीसी और एलडीसी के 82 नए पद मांगे हैं।
5. सूचना सहायक के 13 पद, हेड कॉन्स्टेबल के 12 पद, लीडिंग फायरमैन के 21 पद, स्वास्थ्य निरीक्षक फर्स्ट के 18 और स्वास्थ्य निरीक्षक सेकंड के 7 पद भी जोड़े गए हैं।
अभी ग्रेटर में आठ और हैरिटेज निगम में सात जोन हैं। सूत्रों की मानें तो इन जोन के यथावत रहने की संभावना है, क्योंकि निगम का दायरा इस बार बढ़ाया गया है। हालांकि, शहरी निकायों को करीब से समझने वालों का कहना है कि अब इनको पुनर्गठित किया जाना चाहिए।
Published on:
07 Nov 2025 08:49 am

