
जेडीए की तरफ से की जा रही टेक्निकल जांच के दौरान की तस्वीर (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। झालाना बाइपास पर बनने वाली प्रस्तावित जयपुर झालाना एलिवेटेड रोड परियोजना एक बार फिर अटक गई है। जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (JMRC) ने जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जब तक मेट्रो की मंजूरी नहीं मिलती, तब तक इस प्रोजेक्ट का काम शुरू न किया जाए।
यह एलिवेटेड रोड अरण्य भवन, झालाना डूंगरी से मालवीय नगर के बालाजी तिराहे तक बनाई जानी है। मेट्रो विभाग ने कहा है कि वह भी झालाना बाइपास से होकर मेट्रो कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। ऐसे में सड़क परियोजना मेट्रो की भावी लाइनों में बाधा बन सकती है, इसलिए पहले इसकी पूरी जांच जरूरी है।
जेडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'JMRC ने काम रोकने के साथ-साथ परियोजना की रिपोर्ट भी मांगी है। हमने रिपोर्ट तैयार कर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद है कि मेट्रो विभाग जल्द मंजूरी दे देगा।'
JMRC के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वैभव गलरिया ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले बजट में जगतपुरा सहित शहर के कई इलाकों को मेट्रो से जोड़ने की घोषणा की थी। इसके लिए RITES नामक सरकारी संस्था को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का काम दिया गया है।
यह रिपोर्ट बताएगी कि भविष्य में मेट्रो की लाइनें किस तरह बिछाई जाएंगी और कौन-कौन से रूट एक-दूसरे से जोड़े जा सकते हैं। जैसे ही रिपोर्ट तैयार होगी, हम JDA को आवश्यक मंजूरी दे देंगे। कोशिश है कि यह प्रक्रिया इस साल के अंत तक पूरी हो जाए। जिसके बाद एलिवेटेड रोड को मंजूरी दी जाएगी।
दिसंबर 2023 में हुई बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साफ निर्देश दिया था कि शहर में भविष्य को देखते हुए मेट्रो सेवा को प्राथमिकता दी जाएगी। इसलिए सभी नगर निकायों को सड़क या फ्लाईओवर जैसी बड़ी परियोजनाएं शुरू करने से पहले मेट्रो विभाग से सलाह लेने को कहा गया था।
एक मेट्रो इंजीनियर ने बताया कि पहले भी कुछ बड़ी परियोजनाएं बिना समन्वय के बनाई गईं। दुर्गापुरा फ्लाईओवर और लक्ष्मीनगर टीएफएस अंडरपास के कारण मेट्रो फेज-2 की योजना बदलनी पड़ी। इससे परियोजना लागत बढ़ गई। इसलिए अब बिना तालमेल के कोई बड़ा ट्रैफिक प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया जाना चाहिए।
Updated on:
22 Nov 2025 09:56 pm
Published on:
22 Nov 2025 09:11 pm
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