
जयपुर। चक्रवाती तूफान मोंथा मौजूदा समय में कई प्रदेशों में पूरी तरह सक्रिय है। मौसम विभाग ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ समेत कई प्रदेशों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कई जगहों पर तड़ित झंझावात के साथ अति भारी बारिश और मेघ गर्जना का अलर्ट है।
राजस्थान के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने आगामी दो सप्ताह का मौसम पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके मुताबिक, एक नया चक्रवाती परिसंचरण तंत्र सक्रिय होने वाला है, जिसका सबसे अधिक असर राजस्थान के अंदर 3 और 4 नवंबर को देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक, 31 अक्टूबर से 3 नवंबर के दौरान राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में ज्यादातर जगहों पर बादल छाए रहने और कुछ जगहों पर बारिश होने की संभावना है। वहीं 3-4 नवंबर को जोधपुर, बीकानेर, जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ जिलों में मेघगर्जना के साथ बारिश होने की संभावना है।
इसके अलावा मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ ने आगामी दिनों में बारिश को लेकर एक विशेष रिपोर्ट साझा की है। मौसम केंद्र ने बताया कि गंभीर चक्रवाती तूफान मोंथा पूरी तरह सक्रिय है। जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बेमौसम बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि 31 अक्टूबर की सुबह मोंथा तूफान का दाब पूर्वी विदर्भ और दक्षिणी छत्तीसगढ़ क्षेत्र में केंद्रित था।

मौसम विभाग ने बताया कि आगामी 24 घंटों में मोंथा के उत्तर की ओर बढ़ते हुए पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ में कमजोर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि क्षोभमंडल में दक्षिणी हरियाणा और संलग्न राजस्थान के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र बना हुआ है।
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा की वजह से आगामी 2-3 दिनों तक कुछ जगहों पर भारी बारिश और तड़ित झंझावात 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 1-2 दिन भारी बारिश की संभावना जताई है। इनमें प्रयागराज, सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया एवं आसपास के जिले शामिल हैं।
इस बैमौसम बारिश का सबसे बुरा असर किसानों की फसलों पर पड़ रहा है। राजस्थान के कई जिलों से फसलें बर्बाद होने की खबर सामने आई है। जिन जिलों में अधिक बारिश हो रही है, वहां धान की कटी फसलें पानी में डूब गईं। किसान पानी से फसलों को निकाल रहे हैं। हालांकि, किसानों का कहना है कि बारिश की वजह से उनकी फसलें सड़ने लगी हैं। अब इनमें से दाना निकालना बड़ी मुसीबत बन गई है।
Updated on:
30 Oct 2025 07:55 pm
Published on:
30 Oct 2025 07:44 pm

