Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

सीएम भजनलाल का बड़ा कदम, डेयरी विकास के लिए एक करोड़ का कोरपस फंड बनाने की स्वीकृति

राजस्थान सरकार ने डेयरी विकास के लिए प्रदेशभर की डेयरियों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए 1 हजार करोड़ रुपए के कोरपस फंड बनाने की स्वीकृति जारी की है।

फोटो पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। राजस्थान सरकार ने डेयरी विकास के लिए प्रदेशभर की डेयरियों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए 1 हजार करोड़ रुपए के कोरपस फंड बनाने की स्वीकृति जारी की है। यह स्वीकृति राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड के लिए जारी की गई है। दो दशक में पहली बार ऐसा हुआ है। इस निर्णय से राज्यभर की सहकारी डेयरियों और उनसे जुड़े लाखों दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा।

राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रशासक एवं प्रबन्ध संचालक श्रुती भारद्वाज ने बताया कि डेयरी विकास के क्षेत्र में इतनी बड़ी राशि के विनियोजन की स्वीकृति पहली बार जारी की गई है। इससे राज्यभर की सहकारी डेयरियों में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार किया जाएगा और वर्तमान में आरसीडीएफ की कुल दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को 52 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 75 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा।

अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, भरतपुर एवं सवाईमाधोपुर में नवीन एवं अत्याधुनिक तकनीक के डेयरी प्लांट की स्थापना की जाएगी। सीकर-झुंझुनूं, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, जोधपुर और कोटा दुग्ध संघों के डेयरी प्लांट का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इसके अलावा कोटा, उदयपुर और राजसमंद में नए अत्याधुनिक संयंत्रों की स्थापना की जाएगी और जोधपुर पशु आहार संयंत्र का विस्तारीकरण किया जाएगा। पाली और हनुमानगढ़ जिले में 60 मैट्रिक टन क्षमता के नए डेयरी प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे।

पशु आहार संयंत्रों की बढ़ेगी उत्पादन क्षमता

श्रुति भारद्वाज ने बताया कि आरसीडीआईडीएफ स्वीकृति के अन्तर्गत आरसीडीएफ के पशु आहार संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में पशु आहार संयंत्रों की उत्पादन क्षमता 1800 मैट्रिक टन प्रतिदिन है, जिसे बढ़ाकर 2500 मैट्रिक टन प्रतिदिन किया जाएगा। इसी प्रकार आरसीडीएफ के पाउडर प्लांट्स की वर्तमान क्षमता 165 मैट्रिक टन प्रतिदिन को बढ़ाकर 225 मैट्रिक टन प्रतिदिन किया जाएगा।

फंड की ऐसे होगी व्यवस्था

उन्होंने बताया कि कोरपस फंड की 10 प्रतिशत राशि आरसीडीएफ स्वयं के द्वारा अर्जित लाभ में से देगा। इसी प्रकार जिला दुग्ध संघों द्वारा भी कोरपस फण्ड की 10 प्रतिशत राशि उनके द्वारा अर्जित लाभ में से दी जाएगी। कोरपस फण्ड में बैंक अथवा वित्तीय संस्थाओं से उचित ब्याज दर पर ऋण लिया जा सकेगा। केन्द्रीय प्रवर्तित योजना एएचआईडीएफ के अन्तर्गत 3 प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी भारत सरकार और 3 प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी राजस्थान सरकार द्वारा दी जाएगी।