
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा। फोटो पत्रिका
जयपुर। राजस्थान अब देश में सेमीकंडक्टर निर्माण और डिजाइन का नया हब बनने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है। राजस्थान सरकार जल्द ही प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर पॉलिसी लॉन्च करने वाली है। इस नीति के लागू होने के बाद चिप डिजाइन से लेकर चिप निर्माण तक का पूरा सिस्टम यहीं विकसित होगा।
बताया जा रहा है कि नई पॉलिसी का उद्देश्य वेफर फेब, चिप डिजाइन, असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग जैसी सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन को राज्य में विकसित करना है। सरकार राष्ट्रीय सेमिकॉन इंडिया मिशन के साथ मिलकर विश्व की नामी कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए लाएगी। पॉलिसी का एक मुख्य हिस्सा यह भी है कि आइआइटी और तकनीकी संस्थान यहीं डिजाइन एक्सपर्ट तैयार करेंगे, जिससे युवाओं को कॅरियर के नए अवसर मिलेंगे।
चिप ईकोसिस्टम एक ही राज्य में: वेफर फेब, चिप डिजाइन और असेंबली-टेस्टिंग-पैकेजिंग प्रदेश में विकसित करने का लक्ष्य। कंपाउंड सेमीकंडक्टर और फैब्लेस डिजाइन को बढ़ावा।
टैलेंट होंगे तैयार: तकनीकी संस्थान चिप डिजाइन, एम्बेडेड सिस्टम और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स में स्किल्ड टैलेंट तैयार करेंगे। उद्योग-एकेडमी साझेदारी से छात्रों को सीधे इंडस्ट्री-लेवल ट्रेनिंग।
सेमिकॉन इंडिया के साथ तालमेल: सेमिकॉन इंडिया मिशन के साथ मिलकर बड़ी कंपनियों को राजस्थान लाएंगे। नई हाई-टेक यूनिट्स आने से अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम करने का अवसर।
इलेक्ट्रॉनिक्स का हब: तकनीकी क्षमता, कुशल मानव क्षमता, कुराल संसाधन और सस्ती ऊर्जा से उद्योगों को बढ़ावा।राजस्थान चिप मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन का उभरता केंद्र बन सकता है।
मोबाइल और कंप्यूटर में: प्रोसेसर (सीपीयू), ग्राफिक्स चिप, रैम, स्टोरेज-सब सेमीकंडक्टर चिपें हैं। फोन की स्पीड, कैमरा, इंटरनेट इसी पर निर्भर है।
वाहनों में: कारों में 100 से अधिक चिप लगती हैं। इंजन कंट्रोल, ब्रेक सिस्टम, सेंसर, एयरबैग, इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी मैनेजमेंट सब चिप-आधारित हैं।
टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, 3 एसी में: स्मार्ट फंक्शन तापमान नियंत्रण, ऑटोमेटिक सेंसर, सब चिप के कारण संभव है।
इंटरनेट और संचार में: राउटर, सर्वर, टावर, 5जी उपकरण, सभी में हाई-परफॉर्मेंस चिपें काम करती हैं।
रक्षा और स्पेस मेंः मिसाइल, ड्रोन, सैटेलाइट, रडार, सबकी कमांड और नेविगेशन सिस्टम चिप आधारित।
मेडिकल उपकरणों में: एमआरआइ, सीटी स्कैन, मॉनिटरिंग मशीनें और लाइफ सपोर्ट सिस्टम में सेमीकंडक्टर जरूरी हैं।
चीन और ताइवान सेमीकंडक्टर के प्रमुख वैश्विक हब हैं। यहीं से भारत समेत कई देशों में सप्लाई होती है। मोदी सरकार ने स्वदेशी सेमीकंडक्टर की मुहिम शुरू की। इसके लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया गया। जिसके तहत राज्यों को ग्रांट के रूप में करीब 74,000 करोड़ रुपए देने का प्रावधान है।
सेमीकंडक्टर पॉलिसी राज्य के औद्योगिक भविष्य को नई दिशा देगी। हमारा लक्ष्य चिप डिजाइन से लेकर वेफर फेब और असेंबली टेस्टिंग-पैकेजिंग तक पूरा इको सिस्टम विकसित करना है, ताकि राजस्थान देश का अग्रणी सेमीकंडक्टर हब बन सके।
-आलोक गुप्ता, प्रमुख सचिव, उद्योग विभाग
Published on:
30 Nov 2025 03:06 pm
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