कोटपूतली। जिले में मिलावटखोरी का कारोबार लगातार लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है। कभी नकली दूध, कभी मिलावटी घी और अब सिंथेटिक पनीर थालियों तक पहुंच रहा है। रविवार देर रात पुलिस ने विराटनगर में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पिकअप से 1100 किलोग्राम सिंथेटिक पनीर बरामद किया। मौके पर ही पनीर को नष्ट करा दिया गया और एक आरोपी को हिरासत में लिया गया।
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही खाद्य विभाग ने बानसूर और कोटपूतली में दबिश देकर 600 लीटर नकली दूध और 375 लीटर मिलावटी घी जब्त किया था। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों के बावजूद मिलावटखोर बार-बार कानून के शिकंजे से बच निकलते हैं और कुछ समय बाद फिर से धंधा शुरू कर देते हैं। यही वजह है कि जिले में नकली खाद्य सामग्री का कारोबार लगातार पनप रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूध, पनीर और घी जैसे रोजमर्रा के उत्पादों में मिलावट आमजन के लिए बेहद खतरनाक है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आर.आर. यादव का कहना है कि नकली दूध और मिलावटी घी में मौजूद रसायन पाचन तंत्र, लीवर और किडनी पर सीधा असर डालते हैं। लंबे समय तक इनके सेवन से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वहीं वरिष्ठ सर्जन डॉ. अश्वनी गोयल का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों पर इनका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है। नकली दूध में मिलाए गए रसायन बच्चों की हड्डियों के विकास को रोक सकते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार कार्रवाई के बाद आरोपी कुछ ही समय में जमानत पर छूट जाते हैं और फिर से मिलावट का कारोबार शुरू कर देते हैं। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत नकली दूध और घी बेचने पर 7 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर मामलों में केवल खानापूर्ति कर दी जाती है। यही वजह है कि मिलावटखोरी का कारोबार थमने की बजाय और फैलता जा रहा है।
Published on:
30 Sept 2025 06:20 am